Thursday, November 13

दिल्ली ब्लास्ट केस: आरिफ की बॉडी लैंग्वेज सामान्य, शाहीन का कभी नहीं किया जिक्र – फ्लैटमेट अभिषेक का खुलासा

कानपुर। दिल्ली में हुए भीषण विस्फोट मामले में हिरासत में लिए गए कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मोहम्मद आरिफ के बारे में नए खुलासे सामने आए हैं। कानपुर के एलपीएस इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोलॉजी एंड कार्डियक सर्जरी में आरिफ के फ्लैटमेट डॉ. अभिषेक ने बताया कि विस्फोट के बाद भी आरिफ का व्यवहार और बॉडी लैंग्वेज पूरी तरह सामान्य थी। उन्होंने साफ कहा कि वे दोस्त नहीं थे, बल्कि केवल सहकर्मी थे।

फ्लैटमेट का बयान

डॉ. अभिषेक ने कहा, “हम दोनों एक ही फ्लैट में रहते थे, लेकिन दोस्त नहीं थे। काम के बाद आरिफ सीधे अपने कमरे में चले जाते थे। न उनके व्यवहार में कोई अजीब बात थी और न ही उन्होंने कभी किसी शाहीन या परवेज का जिक्र किया।” उन्होंने यह भी बताया कि आरिफ ने केवल अपने पिता की बीमारी का उल्लेख किया था। उनके पिता कैंसर से पीड़ित हैं।

मकान मालिक का बयान

कानपुर के अशोक नगर स्थित फातिमा स्कूल के पास आरिफ के मकान मालिक कन्हैया लाल ने बताया कि आरिफ वहां एक महीने से भी कम समय के लिए रहे और उनकी गतिविधियों में कोई संदिग्ध व्यवहार नहीं देखा गया। आरिफ किसी से ज्यादा मिलते-जुलते नहीं थे। जब पुलिस टीम उनके कमरे में गई, तो उन्होंने अनुमति दी और कोई असामान्य घटना नहीं हुई।

संस्थान का रुख सख्त

एलपीएस इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. राकेश वर्मा ने कहा कि अब सभी कर्मचारियों का पुलिस सत्यापन अनिवार्य किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरिफ मेधावी छात्र थे और उन्होंने अच्छी रैंक हासिल की थी। संस्थान सुरक्षा कारणों से सतर्क रहेगा। प्रोफेसर डॉ. अवधेश शर्मा ने बताया कि आरिफ अगस्त से सीनियर रेजिडेंट के रूप में कार्यरत थे और बुधवार शाम अपनी ड्यूटी पूरी करके घर लौटे।

एटीएस की जांच और शाहीन कनेक्शन

उत्तर प्रदेश एटीएस ने दिल्ली विस्फोट में संभावित नेटवर्क की जांच के दौरान आरिफ को हिरासत में लिया। यह नेटवर्क डॉ. शाहीन सईद से जुड़ा होने की आशंका जताई जा रही है। शाहीन पहले फरीदाबाद में हथियार और विस्फोटक मामले में गिरफ्तार हो चुकी हैं। एटीएस और दिल्ली पुलिस उनकी डिजिटल गतिविधियों, कॉल रिकॉर्ड्स और वित्तीय लेन-देन की जांच कर रहे हैं।

विस्फोट स्थल से नया सबूत

गुरुवार को न्यू लाजपत राय मार्केट के पास विस्फोट स्थल से एक मानव अंग बरामद हुआ। पुलिस और फोरेंसिक टीम (FSL) डीएनए टेस्ट के जरिए यह पहचान करने में जुटी है कि यह अंग हमलावर का है या निर्दोष नागरिक का।

सारांश:
फ्लैटमेट और मकान मालिक के बयान के अनुसार, डॉ. आरिफ का व्यवहार सामान्य था और उन्होंने कभी शाहीन का उल्लेख नहीं किया। एटीएस अब इस मामले में डिजिटल और वित्तीय सबूतों की जांच कर रहा है ताकि आरिफ और शाहीन के बीच संभावित संबंध का पता लगाया जा सके।

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