
वृंदावन: भक्ति और अध्यात्म की नगरी वृंदावन में हाल ही में एक अद्भुत धार्मिक संगम देखने को मिला। प्रसिद्ध रामकथा व सुंदरकांड वाचक रसराज महाराज ने श्रीहित राधा केली कुंज आश्रम पहुंचकर प्रेमानंद महाराज से मुलाकात की। इस भेंट के दौरान रसराज महाराज ने आशीर्वाद लिया और भक्ति मार्ग पर मार्गदर्शन प्राप्त किया।
प्रेमानंद महाराज का जीवन मंत्र:
मुलाकात के दौरान प्रेमानंद महाराज ने रसराज महाराज को ‘भूरीदादना’ शब्द के माध्यम से जीवन का मूल मंत्र दिया। उन्होंने कहा कि परमात्मा सबसे बड़ा दाता है और जो लोग भगवान का नाम और गुण गाते हैं, वे समाज के लिए बड़ा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि आशा केवल प्रभु से होनी चाहिए, जगत से नहीं, क्योंकि इसी से जीवन मंगलमय और भक्ति पूर्ण बनता है।
हनुमान चालीसा से मंत्रमुग्ध हुए भक्त:
इस खास अवसर पर रसराज महाराज ने प्रेमानंद महाराज के उत्तम स्वास्थ्य और मंगल की कामना करते हुए भावपूर्ण शैली में हनुमान चालीसा का गायन किया। भक्तों ने देखा कि भक्ति में मग्न रसराज महाराज की गायकी और प्रेमानंद महाराज का ध्यानपूर्वक श्रवण वातावरण को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर गया।
रसराज महाराज कौन हैं?
रसराज महाराज, वृंदावन के श्री निंबरक संप्रदाय और वैष्णव परंपरा के प्रमुख प्रवर्तक हैं। उनकी कथाओं का मुख्य केंद्र भगवान श्री राम की लीलाएं और प्रेम भक्ति होती है। शास्त्रीय ज्ञान को संगीत के माध्यम से सरल और आकर्षक बनाने की कला उन्हें युवाओं में बेहद लोकप्रिय बनाती है।
भक्ति का डिजिटल रस:
आज रसराज महाराज सोशल मीडिया पर भी लाखों लोगों के प्रिय हैं। फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर उनके भजनों और संकीर्तन को बड़ी संख्या में देखा और सराहा जाता है। उनकी मधुर वाणी और भक्ति की गहराई के कारण भक्त उन्हें आदर से ‘रसराज’ कहकर पुकारते हैं।