
नई दिल्ली: देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) की बिक्री ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी आधी होने के बावजूद 2024-25 में पूरे भारत में 11.3 लाख इलेक्ट्रिक गाड़ियां बिक चुकी हैं। यह संख्या फेम-2 योजना की तुलना में सालाना 3.4 गुना अधिक है, जो दर्शाती है कि EV अब लोगों की पसंद बन चुके हैं और ऑटो सेक्टर में बड़ा बदलाव आ रहा है।
CEEW की रिपोर्ट में खुलासा:
काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरमेंट एंड वॉटर (CEEW) के ग्रीन फाइनेंस सेंटर की रिपोर्ट के अनुसार, 2014-15 में देश में मात्र 2,000 इलेक्ट्रिक गाड़ियां बिकती थीं। यह संख्या 2019-20 के बाद तेजी से बढ़ी और 2024-25 में कुल 19.6 लाख यूनिट तक पहुंच गई। कुल वाहनों की बिक्री में EV का हिस्सा अब 7.5% तक पहुँच गया है।
राज्यों में ट्रेंड:
शुरुआती दौर में ई-रिक्शा की हिस्सेदारी ज्यादा थी, लेकिन अब टू-व्हीलर EVs का दबदबा है। कमर्शियल 4-पहिया EVs की बिक्री में भी उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दिल्ली, गोवा और कर्नाटक जैसे उच्च आय वाले राज्य EV तेजी से अपना रहे हैं।
विशेषज्ञों का कहना:
CEEW के फेलो और डायरेक्टर कार्तिक गणेशन ने कहा कि फेम-2 से पीएम ई-ड्राइव की ओर बदलाव भारत की EV नीति में बड़ा मोड़ है। कम सब्सिडी के बावजूद इतनी बड़ी संख्या में EV बिक्री यह संकेत देती है कि अब बाजार अपने दम पर आगे बढ़ रहा है।
निष्कर्ष:
यह आंकड़ा साफ दिखाता है कि इलेक्ट्रिक वाहन अब सिर्फ सरकारी प्रोत्साहन पर निर्भर नहीं हैं। देश में ई-वाहनों का भविष्य उज्ज्वल है और आने वाले वर्षों में इसकी पकड़ और मजबूत होने की संभावना है।