Friday, December 26

अर्थव्यवस्था में सुधारों की रफ्तार 2026 में भी जारी रहेगी?

नई दिल्ली: भारत को 2047 तक विकसित देश बनाने के अपने लक्ष्य के साथ केंद्र सरकार ने इस साल कई महत्वाकांक्षी आर्थिक सुधार लागू किए। इन सुधारों में GST 2.0, इनकम टैक्स में छूट, और लेबर कोड प्रमुख रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले साल भी इन सुधारों की रफ्तार जारी रहनी चाहिए ताकि देश की तेज़ आर्थिक वृद्धि सुनिश्चित हो सके।

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इनकम टैक्स में राहत:
आम बजट 2025 में सरकार ने 12 लाख रुपये तक वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को इनकम टैक्स से राहत दी। इससे उपभोक्ता खर्च बढ़ा और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली।

GST 2.0 सुधार:
15 अगस्त को पीएम मोदी ने GST 2.0 की घोषणा की। GST दरों को केवल 5% और 18% पर सीमित कर दिया गया, जिससे दिवाली सेल्स में 6 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई। साथ ही, GST रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया भी तेज हुई। पूर्व CEA ने खुलासा किया कि वे रोजाना जेटली जी को 10 मैसेज भेजते थे, ताकि GST सुधार तेज़ी से लागू हो सके।

संपूर्ण लेबर सुधार:
29 पुराने श्रम कानूनों को बदलकर 4 लेबर कोड लागू किए गए। इससे डिलीवरी बॉय से लेकर कैब ड्राइवर तक सभी को PF, ESIC और अन्य सोशल सिक्योरिटी बेनेफिट मिलेगा। न्यूनतम वेतन तय होने से करीब 18 करोड़ कामगार लाभान्वित होंगे। सरकारी अधिकारियों का अनुमान है कि इससे 5000 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।

मैन्युफैक्चरिंग और निवेश:
सरकार ने मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स लगाने के लिए पर्यावरण नियमों में ढील दी, जिससे प्रोजेक्ट लागत में 20% तक की कमी आ सकती है। साथ ही BSE स्टॉक मार्केट कोड बिल पेश किया गया, जो निवेशकों की सुरक्षा बढ़ाने और टेक्नॉलजी के इस्तेमाल को प्रोत्साहित करेगा।

विशेषज्ञों का कहना है कि 2026 में अगर सरकार इसी गति से सुधार जारी रखती है, तो भारत 2047 तक विकसित देश बनने के अपने लक्ष्य के करीब पहुंच सकता है।

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