
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण के मतदान के चार दिन बीत जाने के बावजूद आधिकारिक मतदान आंकड़े सार्वजनिक नहीं किए गए, जिससे सियासी गलियारों में नई बहस छिड़ गई है। महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार और राजद नेता तेजस्वी यादव ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में चुनाव आयोग पर जानकारी छिपाने का आरोप लगाया।
🔹 पहले चरण का मतदान और आंकड़ों की गुमशुदगी
तेजस्वी यादव ने कहा कि पहले चरण का मतदान 6 नवंबर को संपन्न हुआ, लेकिन आज 10 नवंबर तक यह पता नहीं चल पाया कि पुरुष और महिला मतदाताओं का अनुपात कितना रहा। उन्होंने सवाल उठाया कि पहले मैन्युअली तो उसी दिन आंकड़े सामने आ जाते थे, अब तकनीक के युग में भी आंकड़े क्यों छिपाए जा रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि दूसरे चरण का मतदान 11 नवंबर को है और परिणाम 14 नवंबर को आएंगे, लेकिन इससे पहले यह जानना आवश्यक है कि किस अनुपात में मतदान हुआ।
🔹 भाजपा शासित राज्यों से आई कंपनियां और पर्यवेक्षक
तेजस्वी यादव ने दावा किया कि बिहार में चुनावी ड्यूटी के लिए 208 कंपनियां उन राज्यों से भेजी गई हैं, जहां भाजपा की सरकारें हैं। इसके अलावा, राज्य में 68 प्रतिशत पुलिस पर्यवेक्षक भी भाजपा शासित राज्यों से आए हैं। राजद नेता ने कहा कि बिहार को ‘बाहरी’ लोगों के जरिए नियंत्रित करने की साजिश हो रही है, लेकिन बिहार की जनता इसे स्वीकार नहीं करेगी।
🔹 प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला
तेजस्वी यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री बिहार आए, लेकिन उन्होंने सकारात्मक मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं की। बेरोजगारी, पलायन, महंगाई या भ्रष्टाचार जैसे गंभीर विषयों पर प्रधानमंत्री ने कोई बात नहीं की। तेजस्वी ने कहा कि पीएम ने सम्राट चौधरी, डॉ. दिलीप जायसवाल और मंगल पांडे जैसे नेताओं के संदर्भ में भी कुछ नहीं कहा। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीएम ने सृजन घोटाले के मुख्य आरोपी विपिन शर्मा से हवाई अड्डे पर विशेष मुलाकात की।
🔹 तेजस्वी का संदेश
तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग और भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिहार में लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बाहरी हस्तक्षेप का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने बिहार की जनता से अपील की कि वह सच्चाई और पारदर्शिता के लिए सतर्क रहे।