Monday, December 22

बांग्लादेश में हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या का भयावह वीडियो सामने आया, भीड़ ने फैक्ट्री से खींच कर किया मार-पीट

बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों पर लक्षित हिंसा का भयावह मामला सामने आया है। गुरुवार को ईशनिंदा के झूठे आरोप में पीट-पीटकर मार दिए गए दीपू चंद्र दास की हत्या से ठीक पहले का वीडियो सार्वजनिक हुआ है। यह वीडियो दर्शाता है कि कैसे भीड़ पूरे क्षेत्र में नियंत्रण जमा कर चुकी थी और वहां कानून-व्यवस्था का कोई अस्तित्व नहीं था।

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वीडियो में दिखाया गया है कि दीपू की फैक्ट्री के बाहर भीड़ जमा है। कुछ ही सेकंड में दरवाजा खुलता है और भीड़ दीपू को अपने साथ खींच ले जाती है। यह घटना मैमनसिंह इलाके की है, जहां दीपू फैक्ट्री में काम करते थे।

हिंसा के दौरान दीपू को पीट-पीटकर मार डाला गया, उसके शव को पेड़ से बांधा गया और बाद में आग लगा दी गई। बांग्लादेशी अधिकारियों ने जांच के बाद कहा कि भीड़ द्वारा लगाए गए ईशनिंदा के आरोपों का कोई सबूत नहीं मिला।

लेखिका तस्लीमा नसरीन ने सोशल मीडिया पर यह वीडियो शेयर करते हुए बताया कि दीपू ने कोई अपराध नहीं किया था। अफवाहों के कारण फैक्ट्री के फ्लोर मैनेजर ने उसे इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर किया और पुलिस ने भीड़ के हवाले कर दिया। तस्लीमा ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि हाल ही में हुई उत्सव मंडल की घटना भी इसी तरह की थी।

बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ती नफरत और हिंसा अब अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन चुकी है।

 

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