Monday, November 10

मध्यप्रदेश के जंगलों में मुंबई के रईसजादों का खौफनाक ट्रॉफी हंटिंग सिंडिकेट उजागर: 60 से अधिक संरक्षित जानवरों का शिकार

भोपाल: मध्यप्रदेश के जंगलों में अमीरों और स्थानीय शिकारी समूहों का खौफनाक खेल सामने आया है। मुंबई से आए रईसजादों और स्थानीय शिकारी मिलकर राज्य के 9 जिलों में हिरण, चीतल और सांभर जैसे संरक्षित जानवरों का शिकार कर रहे थे। जांच में खुलासा हुआ है कि इस ट्रॉफी हंटिंग सिंडिकेट ने अब तक लगभग 60 से अधिक संरक्षित जानवरों को निशाना बनाया है।

🔹 मामला कैसे सामने आया

यह पूरा नेटवर्क तब सामने आया जब मुंबई से गिरफ्तार तीन आरोपियों के मोबाइल का एन्क्रिप्टेड डेटा खोला गया। इसमें मिले वीडियो और चैट संदेशों ने दिखाया कि ये शिकारी रात में शिकार करते, नर जानवरों को मुख्य रूप से निशाना बनाते और ट्रॉफी हंटिंग के लिए शूटिंग का अभ्यास भी करते थे।

🔹 बिश्नोई समुदाय ने जताया विरोध

राजस्थान के बिश्नोई समुदाय ने इस खूनी खेल को देखकर गहरा विरोध जताया। वे काले हिरण को भगवान मानते हैं। समुदाय ने मुंबई के आरोपी सलमान पियारजी की जमानत रोकने के लिए MP हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

🔹 नर जानवरों को बनाया निशाना

जांच में सामने आया कि मुख्य रूप से नर जानवरों को शिकार किया गया, क्योंकि उनके सींग ट्रॉफी के रूप में मूल्यवान हैं। राज्य टाइगर स्ट्राइक फोर्स (STSF) के प्रवक्ता शरद जाटव ने कहा:

“फोरेंसिक डेटा ने एक पेंडोरा बॉक्स खोल दिया है। आरोपी मुख्य रूप से नर हिरण, चिंकारा, चीतल और सांभर को निशाना बनाते थे।”

🔹 अफ्रीका तक पहुंचे शिकारी

जांच में यह भी पता चला कि सिंडिकेट के दो सदस्य दक्षिणी अफ्रीका की यात्रा कर ट्रॉफी हंटिंग और मांस के लिए शिकार का प्रशिक्षण ले चुके थे।

🔹 गिरफ्तारियां और आगे की कार्रवाई

  • दिसंबर 2024 में इंदौर के किशनगंज वन रेंज से तीन आरोपी गिरफ्तार हुए।
  • 65 किलो संदिग्ध वन्यजीव मांस, देसी पिस्तौल, जिंदा कारतूस और एक एसयूवी जब्त की गई।
  • फोरेंसिक जांच और मोबाइल डेटा के खुलासे के बाद मुंबई से चौथी गिरफ्तारी हुई।
  • जांचकर्ता अब संभावित स्थानीय मददगारों और राइफल क्लब से संबंधों की गहन जांच कर रहे हैं।

🔹 हाईकोर्ट तक मामला पहुंचा

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट अब इस मामले में सुनवाई कर रहा है। राज्य सरकार और वन्यजीव विभाग की टीम आरोपी नेटवर्क के सभी सदस्य और स्थानीय मददगारों को पकड़ने में लगी है।

विशेष नोट: इस मामले ने साबित कर दिया कि ट्रॉफी हंटिंग सिर्फ शौक नहीं, बल्कि संरक्षित वन्यजीवों के खिलाफ एक संगठित अपराध है। अधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र और राजस्थान में भी अगली गिरफ्तारियों की संभावना है।

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