
राजधानी पटना में अब मकान और दुकान रखने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। पटना नगर निगम ने शहर की सड़कों का नया वर्गीकरण लागू कर दिया है, जिसके चलते प्रॉपर्टी टैक्स (होल्डिंग टैक्स) में बढ़ोतरी तय मानी जा रही है।
सड़कों का नया वर्गीकरण:
नगर निगम ने शहर की करीब 112 सड़कों की समीक्षा के बाद उन्हें नई श्रेणियों में बांटा है। अब 43 सड़कों को ‘प्रधान मुख्य सड़क’ और 69 सड़कों को ‘मुख्य सड़क’ की श्रेणी में रखा गया है। पहले शहर में केवल 24 प्रधान मुख्य सड़कें और 88 मुख्य सड़कें थीं।
इस बदलाव के तहत कंकड़बाग, किदवईपुरी, अशोक राजपथ, बुद्ध मार्ग, कांग्रेस मैदान रोड, बाकरगंज बजाज रोड और नालंदा मेडिकल कॉलेज रोड जैसी व्यस्त सड़कों को उच्च श्रेणी में डाल दिया गया है। नगर निगम ने सड़कों की चौड़ाई के आधार पर तीन श्रेणियां तय की हैं – 40 फुट से अधिक चौड़ी सड़कें प्रधान मुख्य सड़क, 20 से 40 फुट चौड़ी सड़कें मुख्य सड़क और 20 फुट से कम चौड़ी सड़कें अन्य सड़कें होंगी।
होल्डिंग टैक्स पर असर:
नगर निगम का कहना है कि टैक्स का निर्धारण सड़क की श्रेणी के आधार पर होता है। इसलिए जिन इलाकों की सड़कों को अपग्रेड किया गया है, वहां के मकान और दुकान मालिकों को अब पहले की तुलना में लगभग डेढ़ गुना अधिक टैक्स देना पड़ सकता है।
आम जनता पर असर:
विशेषज्ञों का कहना है कि इस कदम से नगर निगम के राजस्व में वृद्धि होगी, लेकिन आम जनता की जेब पर दबाव बढ़ना तय है। इस बदलाव के तहत होल्डिंग टैक्स, जमीन की खरीद-बिक्री और किराए के दामों में भी बढ़ोतरी होने की संभावना है।
नगर निगम ने यह नई व्यवस्था बिहार नगरपालिका संपत्ति कर निर्धारण, संग्रहण व वसूली नियमावली, 2013 के तहत लागू की है और हर 5 साल में पुन: समीक्षा करने का प्रावधान रखा गया है।