
तिरुवनंतपुरम (केरल): केरल में दो चरणों में हुए 1199 स्थानीय निकाय चुनावों की मतगणना शनिवार सुबह से जारी है। शुरुआती रुझानों में राज्यभर में मिली-जुली और बदलती तस्वीर दिखाई दे रही है।
आरंभिक आंकड़ों के मुताबिक, भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) उम्मीद से बेहतर शुरुआत कर रहा है। वहीं, सत्तारूढ़ माकपा के नेतृत्व वाला वाम लोकतांत्रिक मोर्चा (एलडीएफ) अपेक्षित हल्की बढ़त बनाए हुए दिख रहा है। कांग्रेस के नेतृत्व वाला संयुक्त लोकतांत्रिक मोर्चा (यूडीएफ) भी पिछली बार की तुलना में बेहतर प्रदर्शन कर रहा है।
अहमियत जिला पंचायतों की
जिला पंचायतों के नतीजों को राजनीतिक ताकत का सबसे अहम पैमाना माना जाता है। शुरुआती रुझानों में यूडीएफ को जिला पंचायतों में कुछ बढ़त मिली दिख रही है, जबकि ग्राम पंचायतों में माकपा की स्थिति मजबूत बनी हुई है। ब्लॉक पंचायतों और कई नगर निगमों के वार्डों में भी सीपीआई (एम) आगे है।
राजधानी तिरुवनंतपुरम में NDA आगे
राजधानी तिरुवनंतपुरम नगर निगम में भाजपा के नेतृत्व वाला NDA शुरुआती दौर में बढ़त बनाए हुए है। पलक्कड़ में भी एनडीए के प्रदर्शन के सकारात्मक संकेत मिल रहे हैं। हालांकि मुकाबला बेहद करीबी है और वाम मोर्चा भी मजबूत स्थिति में बना हुआ है।
कांग्रेस को अंदरूनी बगावत का नुकसान
त्रिशूर नगर निगम में यूडीएफ ने शुरुआती बढ़त बनाई, लेकिन भाजपा तेजी से अंतर कम कर रही है। एर्नाकुलम और कन्नूर नगर निगमों में कांग्रेस को अंदरूनी बगावत यानी ‘रिबेल फैक्टर’ का नुकसान झेलना पड़ रहा है।
मतदाता सूची विवाद में कांग्रेस उम्मीदवार की जीत
तिरुवनंतपुरम नगर निगम के मुत्तदा मंडल से कांग्रेस उम्मीदवार वैश्ना एस एल ने 300 से अधिक मतों के अंतर से जीत हासिल की। वैश्ना ने हाई कोर्ट का रुख कर अपने नाम को मतदाता सूची में पुनः शामिल कराया था। जीत के बाद उन्होंने कहा, “यह लोकतंत्र की जीत है और कांग्रेस ने सच की ही जीत का उदाहरण पेश किया है।”
राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं कि इन नतीजों से केरल में 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों और गठबंधनों के प्रचार अभियान की दिशा तय होगी।