
पटना: बिहार राज्य महिला आयोग के पास घरेलू विवादों, खासकर पति–पत्नी के बीच होने वाले झगड़ों की शिकायतों में तेज़ वृद्धि दर्ज की गई है। आयोग को मिल रही कुल शिकायतों में से सबसे अधिक पटना (5643) और नालंदा (3452) जिलों से हैं। अकेले इन दोनों जिलों से आने वाली शिकायतें आयोग के पास हर सप्ताह प्राप्त होने वाली कुल शिकायतों का लगभग 90% हिस्सा बनाती हैं।
इन मामलों में मुख्य तौर पर घरेलू हिंसा, वैवाहिक तनाव, पारिवारिक कलह, आर्थिक विवाद और मानसिक प्रताड़ना जैसी समस्याएँ शामिल हैं। लगातार बढ़ती शिकायतों ने आयोग के संसाधनों पर अतिरिक्त दबाव भी बढ़ा दिया है।
‘आयोग आपके द्वार’ से घर पर ही होगी सुनवाई
घरेलू विवादों के त्वरित निपटान के लिए आयोग ने नई पहल ‘आयोग आपके द्वार’ शुरू की है। इसके तहत आयोग की टीम सीधे शिकायतकर्ता के घर पहुंचकर सुनवाई करती है, जहाँ विरोधी पक्ष को भी बुलाया जाता है।
इस मॉडल से—
- पीड़ित महिलाओं को दफ्तर के चक्कर नहीं लगाने पड़ते,
- सुनवाई प्रक्रिया सरल होती है,
- और कई मामलों का निपटारा स्थल पर ही हो जाता है।
आयोग ने लक्ष्य रखा है कि 21 दिनों की प्रारंभिक सुनवाई के बाद अधिकतर मामलों को एक सप्ताह के भीतर सुलझा दिया जाए।
ऑनलाइन शिकायत प्रणाली से बढ़ी संख्या
शिकायतों में आई बढ़ोतरी की एक मुख्य वजह आयोग द्वारा अपनाई गई ऑनलाइन शिकायत प्रणाली भी है।
इससे—
- महिलाएँ बिना संकोच घर बैठे शिकायत दर्ज कर रही हैं,
- पारदर्शिता बढ़ी है,
- और आयोग तक पहुँच आसान हो गई है।
ये आंकड़े न केवल घरेलू विवादों की बढ़ती गंभीरता दिखाते हैं, बल्कि महिलाओं के बीच आयोग पर बढ़ते भरोसे को भी दर्शाते हैं।
घरेलू विवादों के समाधान में आयोग की बड़ी भूमिका
बिहार राज्य महिला आयोग राज्य के सामाजिक ढांचे में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
विशेष रूप से पटना और नालंदा जैसे जिलों में शिकायतों की अधिकता ने आयोग को अपनी सेवाओं और रणनीतियों को और अधिक स्थानीय जरूरतों के अनुसार ढालने का अवसर दिया है।
‘आयोग आपके द्वार’ और ऑनलाइन शिकायत प्लेटफॉर्म जैसी पहलें महिलाओं के लिए न्याय तक पहुँच आसान बना रही हैं।
इन प्रयासों से महिलाएँ अब बिना डर अपनी आवाज उठा पा रही हैं और घरेलू विवादों के समाधान की प्रक्रिया अधिक प्रभावी होती जा रही है।
