सोयाबीन एवं दलहन के आयात पर लगे रोक : किसानों के हित में कठोर नीति की मांग
उज्जैन। विदेशों से पाम तेल एवं तिलहनों के बढ़ते आयात से देश के तिलहन उत्पादक किसानों और ऑयल मिलों की कमर टूटती जा रही है। किसान जहाँ लागत निकालने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, वहीं आयातित तेल और दालें बाजार में भाव गिरा रही हैं। परिणामस्वरूप किसानों को उचित दाम नहीं मिल पा रहा और उनकी आर्थिक स्थिति लगातार कमजोर होती जा रही है।
सपाक्स पार्टी ने इस गंभीर मुद्दे को उठाते हुए केंद्र सरकार से आयात नीति में तत्काल सुधार की मांग की है। पार्टी के प्रवक्ता जे.आर. माहुरकर ने बताया कि सपाक्स पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक एवं पूर्व आईएएस डॉ. हीरालाल त्रिवेदी ने केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर किसानों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है।
किसानों को भाव नहीं, आयात को बढ़ावा
डॉ. त्रिवेदी ने अपने पत्र में कहा है कि जैसे ही सोयाबीन, तिलहन या दलहन फसलों के भाव बढ़ने की संभावना होती है, के...









