Wednesday, December 24

एटॉमिक एनर्जी बिल: परमाणु क्षेत्र में निजी कंपनियों की एंट्री, क्या बदलेगा और क्या होगा फायदा?

नई दिल्ली: मोदी सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में जिस एटॉमिक एनर्जी बिल 2025 को पेश करने जा रही है, उसने राजनीतिक और औद्योगिक दोनों ही हलकों में उत्सुकता बढ़ा दी है। यह बिल पहली बार निजी कंपनियों को असैन्य (सिविल) परमाणु ऊर्जा संयंत्र लगाने की अनुमति देने का रास्ता खोल सकता है। माना जा रहा है कि यह कदम भारत की ऊर्जा क्षमता और तकनीकी आत्मनिर्भरता को नई ऊंचाई देगा।

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PM मोदी का बड़ा ऐलान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में कहा कि सरकार न्यूक्लियर सेक्टर को प्राइवेट कंपनियों के लिए खोलने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। उनके अनुसार—

  • निजी भागीदारी से छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर,
  • एडवांस्ड न्यूक्लियर टेक्नोलॉजी,
  • और नवाचार (इनोवेशन)
    को बढ़ावा मिलेगा।

भारत का लक्ष्य 100 गीगावाट परमाणु ऊर्जा उत्पादन करने का है, और नया विधेयक इस दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

एटॉमिक एनर्जी बिल 2025 क्या है?

इस बिल का उद्देश्य—

  • परमाणु ऊर्जा के उपयोग, सुरक्षा और नियमन को आधुनिक बनाना,
  • प्राइवेट सेक्टर की भागीदारी बढ़ाना,
  • और ऊर्जा उत्पादन क्षमता को तेज़ी से विस्तार देना है।

इसके साथ ही सरकार सिविल लायबिलिटी फॉर न्यूक्लियर डैमेज एक्ट (CLNDA), 2010 में भी संशोधन करने जा रही है, ताकि निजी निवेश को कानूनी और सुरक्षा ढांचे के भीतर समायोजित किया जा सके।

कानून में क्या बदलाव होंगे?

अभी के कानून के अनुसार—

  • परमाणु ऊर्जा उत्पादन से जुड़े सभी संवेदनशील काम सिर्फ केंद्र सरकार और उसकी कंपनियां कर सकती हैं।
  • इन गतिविधियों पर पूरा गोपनीय और प्रशासनिक नियंत्रण केंद्र के पास होता है।

नए संशोधनों के बाद:

  • प्राइवेट कंपनियां भी परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने, तकनीक विकसित करने और संचालन में हिस्सा ले सकेंगी।
  • विदेशी निजी कंपनियों के निवेश का रास्ता भी साफ होगा।

बिल पास होने से क्या फायदे होंगे?

सरकार के अनुसार और विशेषज्ञों की मानें तो—

1. ऊर्जा सुरक्षा होगी मजबूत

न्यूक्लियर पावर एक स्थाई और उच्च क्षमता वाला स्रोत है। इससे बिजली उत्पादन बढ़ेगा।

2. विदेशी निर्भरता घटेगी

तेल और गैस आयात पर निर्भरता कम होगी, जिससे आर्थिक बोझ भी घटेगा।

3. टेक्नोलॉजी और रिसर्च को बढ़ावा

निजी सेक्टर के आने से उन्नत रिएक्टर, अधिक सुरक्षित प्रणालियां और नई तकनीकें विकसित होंगी।

4. औद्योगिक व सैन्य क्षमताओं में सुधार

अंतरिक्ष, रक्षा, एविएशन और वैज्ञानिक क्षेत्रों में भारत की क्षमता और मजबूत होगी।

5. वैश्विक स्तर पर भारत की पकड़ मजबूत

परमाणु ऊर्जा उत्पादन में तेजी से वृद्धि भारत को दुनिया के प्रमुख न्यूक्लियर पावर देशों की श्रेणी में ले जाएगी।

अभी कौन बना रहा है परमाणु ऊर्जा?

फिलहाल देश में केवल सरकारी कंपनी NPCIL (न्यूक्लियर पावर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड) ही सभी परमाणु विद्युत परियोजनाओं का संचालन करती है।
नया बिल आने पर पहली बार गैर-सरकारी कंपनियों को इस क्षेत्र में कदम रखने का अवसर मिलेगा।

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