
नई दिल्ली/पटना। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने आतंकवाद के खिलाफ अपने अभियान को और तेज करते हुए मंगलवार को बिहार और हरियाणा में व्यापक स्तर पर छापेमारी की। आतंकी फंडिंग, कट्टरपंथी गतिविधियों और प्रतिबंधित संगठनों के नेटवर्क से जुड़े एक मामले में यह कार्रवाई की गई। यह वही केस है जिसे NIA की पटना शाखा ने वर्ष 2025 की शुरुआत में दर्ज किया था।
22 ठिकानों पर चली समन्वित कार्रवाई
सूत्रों के अनुसार, एजेंसी ने दोनों राज्यों में कुल 22 स्थानों पर एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाया। मामला ISIS समेत अन्य प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की साजिश, रैडिकलाइजेशन और वित्तीय मदद से जुड़ा है।
NIA की कई टीमें तड़के ही सक्रिय हो गईं और संदिग्ध जगहों पर रेड डालकर डिजिटल डिवाइस, दस्तावेज़ और नेटवर्क से जुड़े अहम सबूत जुटाए।
FIR में गंभीर आरोपों का उल्लेख
पटना में दर्ज FIR के अनुसार, आरोपियों पर—
- आतंकी फंडिंग,
- कट्टरता फैलाने,
- आतंकी संगठनों के लिए भर्ती,
- तथा देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने
जैसे गंभीर अपराधों में शामिल होने का शक है। एजेंसी इस पूरे मॉड्यूल की जड़ तक पहुंचने का प्रयास कर रही है।
राजस्थान में विस्फोटक मिलने से बढ़ी चौकसी
हाल ही में राजस्थान के राजसमंद जिले में एक पिकअप वाहन से बड़ी मात्रा में डेटोनेटर, जिलेटिन रॉड और अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद की गई थी।
दस्तावेज़ प्रस्तुत न कर पाने पर दो लोगों को गिरफ्तार किया गया। इस बरामदगी के बाद केंद्रीय एजेंसियों ने सतर्कता और बढ़ा दी है।
अगले चरण में होगी फॉरेंसिक जांच
छापों के दौरान मिले डिजिटल डेटा और दस्तावेज़ों को अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।
NIA आने वाले दिनों में संदिग्ध व्यक्तियों को पूछताछ के लिए तलब कर सकती है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई देश में सक्रिय आतंकी नेटवर्क को तोड़ने की दिशा में बड़ा कदम साबित हो सकती है।
निष्कर्ष
बिहार और हरियाणा में एक साथ की गई यह व्यापक छापेमारी दर्शाती है कि NIA आतंकी गतिविधियों, कट्टरता और फंडिंग के खिलाफ कठोर रणनीति के तहत काम कर रही है। एजेंसी का यह ऑपरेशन राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में अहम माना जा रहा है।