
पुणे: प्रेम विवाह की आम धारणा है कि इससे जोड़े को एक-दूसरे को समझने का पर्याप्त समय मिलता है, लेकिन पुणे का यह मामला इस सोच को चुनौती देता नजर आता है। शहर के एक उच्चशिक्षित डॉक्टर कपल ने शादी के महज 24 घंटे में अपने रिश्ते को खत्म कर सबको चौंका दिया।
शादी से पहले दोनों 18 महीने तक एक-दूसरे के साथ रिश्ते में रहे। बावजूद इसके, शादी के अगले दिन सुबह ही उनके बीच तीव्र झगड़ा हो गया और उन्होंने अलग रहने का फैसला किया। इस झगड़े के बाद महिला घर छोड़कर चली गई।
तलाक की प्रक्रिया और फैसले की गति
पुणे फैमिली कोर्ट के जज बी डी कदम ने इस मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए दंपति को महज 8 दिन में तलाक दे दिया। वकील रानी कांबले-सोनावणे ने आपसी सहमति से तलाक की अर्जी दायर की थी। सामान्यतः तलाक के लिए छह महीने की प्रतीक्षा अवधि अनिवार्य होती है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार, यदि पति-पत्नी 18 महीने से अधिक समय तक अलग रहे हों, तो इस अवधि में छूट दी जा सकती है।
पति एक जहाज पर उच्च पद पर कार्यरत हैं, जबकि पत्नी पेशे से डॉक्टर हैं। दंपति के परिवारों ने उनके बीच समझौता कराने का प्रयास किया, लेकिन वैचारिक मतभेद इतना गहरा था कि उन्होंने एक-दूसरे से पुनः मेल जोल करने से इंकार कर दिया।
समाज में बहस का विषय
यह मामला सोशल मीडिया पर भी तेजी से चर्चा का विषय बन गया। विशेषज्ञों के अनुसार, छोटे-छोटे मतभेद और व्यक्तिगत प्राथमिकताएं आज के समय में रिश्तों में अक्सर दरार पैदा कर देती हैं। इस घटना ने समाज में प्रेम विवाह और वैचारिक संगति की आवश्यकता पर बहस को जन्म दिया है।