Monday, December 22

56 हजार भिखारियों ने कराई पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय बेइज्जती, गृह मंत्री नकवी का सख्त ऐक्शन सऊदी अरब और यूएई से डिपोर्टेशन के बाद हरकत में आई सरकार, एयरपोर्ट पर कसे शिकंजे

इस्लामाबाद।
आतंकवाद के आरोपों से लंबे समय तक घिरा रहा पाकिस्तान अब एक नए कारण से अंतरराष्ट्रीय मंच पर शर्मिंदगी झेल रहा है। हालात ऐसे बन गए हैं कि दुनिया के कई देशों में पाकिस्तान को अब भिखारियों कासप्लायर कहा जाने लगा है। हाल ही में सऊदी अरब ने 56,000 पाकिस्तानी नागरिकों को भीख मांगने के आरोप में पकड़कर वापस भेज दिया, जबकि संयुक्त अरब अमीरात और अजरबैजान जैसे देशों ने भी बड़ी संख्या में पाकिस्तानी भिखारियों को डिपोर्ट किया है।

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इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान की छवि को गहरा झटका दिया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हुई इस बेइज्जती के बाद अब पाकिस्तान के गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने कड़ा रुख अपनाते हुए बड़ा ऐलान किया है।

 ‘पाकिस्तान को बदनाम करने वालों की जगह जेल

गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने साफ शब्दों में कहा,

जो लोग पाकिस्तान को बदनाम कर रहे हैं, उनकी जगह जेल में होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि पेशेवर भिखारियों और अधूरे या संदिग्ध दस्तावेजों के साथ विदेश जाने वालों को किसी भी कीमत पर यात्रा की अनुमति नहीं दी जाएगी। नकवी रविवार को गृह राज्य मंत्री तलाल चौधरी के साथ लाहौर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के दौरे पर पहुंचे थे। यहां उन्होंने इमिग्रेशन प्रक्रिया की समीक्षा की और अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए।

नकवी ने कहा कि पाकिस्तान की गरिमा और यात्रियों की सुविधा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है, लेकिन देश की छवि को नुकसान पहुंचाने वालों के साथ कोई नरमी नहीं बरती जाएगी।

खाड़ी देशों की चेतावनी, बढ़ता दबाव

गृह मंत्री का यह बयान ऐसे समय आया है, जब सऊदी अरब और यूएई जैसे प्रमुख खाड़ी देश पाकिस्तान को बार-बार चेतावनी दे चुके हैं कि वह अपने यहां से भिखारियों और फर्जी दस्तावेजों पर विदेश भेजे जाने पर रोक लगाए।
बीते सप्ताह प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री आवास में उच्चस्तरीय बैठक कर अधूरे दस्तावेजों के साथ विदेश जाने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए थे।

66 हजार यात्रियों को फ्लाइट से उतारा गया

इससे पहले पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी (FIA) ने संसद की एक समिति को बताया कि देश की बदनामी रोकने के लिए इस साल बड़े पैमाने पर कार्रवाई की गई है।
FIA के अनुसार—

  • 66,154 यात्रियों को इस साल विदेश जाने से पहले ही विमान से उतार दिया गया
  • इनमें से 51,000 यात्रियों के ट्रैवल डॉक्यूमेंट संदिग्ध पाए गए
  • पिछले साल यह संख्या करीब 35,000 थी, यानी इस साल मामलों में भारी बढ़ोतरी हुई है

FIA के महानिदेशक ने माना कि भिखारियों और अवैध प्रवास से जुड़े गिरोहों ने पाकिस्तान की साख को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।

निष्कर्ष

पाकिस्तान आज जिस आर्थिक बदहाली और प्रशासनिक अव्यवस्था से जूझ रहा है, उसकी झलक अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी साफ दिखने लगी है। हजारों नागरिकों का विदेशों में भीख मांगते पकड़ा जाना न सिर्फ पाकिस्तान के लिए शर्मनाक है, बल्कि उसकी वैश्विक छवि पर भी बड़ा सवाल खड़ा करता है।
अब देखना होगा कि गृह मंत्री नकवी के सख्त ऐक्शन और सरकारी दावों से हालात वाकई सुधरते हैं या यह महज बयानबाजी तक सीमित रह जाता है।

 

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