
भारत और एशिया के दिग्गज कारोबारी गौतम अडानी एयरपोर्ट सेक्टर में बड़े विस्तार की तैयारी में हैं। अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज अगले पांच साल में 11 अरब डॉलर यानी करीब ₹9,91,63,13,00,000 हवाई अड्डों के विकास पर खर्च करने की योजना बना रही है।
वर्तमान संचालन
अडानी एयरपोर्ट्स पहले ही देश के 7 प्रमुख हवाई अड्डों का संचालन कर रहा है। इसके अलावा, मुंबई के पास कंपनी एक नया हवाई अड्डा भी बना रही है, जो इसी महीने चालू होने वाला है। यह पहला एयरपोर्ट होगा जिसे अडानी ग्रुप ने शुरू से बनाया है।
नई बोली की योजना
केंद्र सरकार द्वारा 11 हवाई अड्डों को निजी क्षेत्र को लीज पर देने की योजना के तहत अडानी एयरपोर्ट्स ने इन सभी पर आक्रामक बोली लगाने की तैयारी कर ली है। इन हवाई अड्डों में शामिल हैं:
- अमृतसर
- वाराणसी
- कुशीनगर
- गया
- भुवनेश्वर
- हुबली
- कांगड़ा
- रायपुर
- तिरुचिरापल्ली
- औरंगाबाद
- तिरुपति
विस्तार और रणनीति
अडानी एयरपोर्ट्स होल्डिंग्स लिमिटेड (AAHL) देश में सबसे ज्यादा हवाई अड्डों का संचालन करने वाली कंपनी है। जीत अडानी ने हाल ही में बताया कि कंपनी एयरलाइन बिजनेस में प्रवेश नहीं करेगी, क्योंकि एयरलाइन में मुनाफा कम होता है और इसकी अलग मानसिकता की जरूरत होती है।
जीत अडानी के अनुसार, कंपनी की मुख्य ताकत जमीन पर हार्ड एसेट्स बनाने और लंबी अवधि वाली संपत्तियों को कुशलतापूर्वक संचालित करने में है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि AAHL को पब्लिक में लिस्ट करने की कोई तय समय-सीमा नहीं है, और IPO या डी-मर्जर केवल कुछ खास लक्ष्य हासिल होने के बाद ही होगा।
नोट: सरकार का लक्ष्य 2047 तक देश में 350 से 400 एयरपोर्ट्स विकसित करना है, जबकि वर्तमान में इसकी संख्या 163 है। अडानी ग्रुप इस तेजी से बढ़ते सेक्टर में अपनी पकड़ और मजबूत कर रहा है।