Thursday, December 18

कीर्ति आजाद की मुश्किलें बढ़ीं: लोकसभा में ई-सिगरेट आरोप, टीएमसी भी पीछे हट गई

नई दिल्ली: लोकसभा में ई-सिगरेट पीने का आरोप सामने आने के बाद टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद की मुश्किलें बढ़ गई हैं। वीडियो वायरल होने के साथ ही लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कड़ी कार्रवाई का संकेत दिया था। वहीं, टीएमसी ने भी खुद को इस मामले से अलग कर लिया है, जिससे साफ है कि कीर्ति आजाद को पार्टी का वह पूरा समर्थन नहीं मिलेगा, जैसा कि अन्य मामलों में कुछ सांसदों को मिलता रहा।

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क्यों बढ़ी मुश्किलें

बीजेपी सांसद अनुराग ठाकुर ने शून्यकाल में सदन में बिना नाम लिए इस मुद्दे को उठाया और मांग की कि टीएमसी सांसद पर सदन में ई-सिगरेट पीने के लिए कार्रवाई हो। इसके अगले दिन अनुराग ठाकुर ने लिखित शिकायत भी दर्ज कराई, जिसमें लिखा था कि सत्र के दौरान कीर्ति आजाद को सरेआम ई-सिगरेट पीते हुए देखा गया।

लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भरोसा दिया कि लिखित शिकायत मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी। वहीं टीएमसी के नेता अभिषेक बनर्जी ने कहा कि अगर आरोपों के संबंध में भरोसेमंद और पूर्ण वीडियो एविडेंस सामने आया तो पार्टी उचित कार्रवाई करेगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि संसद के भीतर इस तरह का व्यवहार प्रोत्साहित नहीं किया जाता और संसद की गरिमा बनाए रखना आवश्यक है।

ई-सिगरेट पर कानून क्या कहता है

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा में बताया कि Prohibition of Electronic Cigarettes Act, 2019 (PECA) के तहत ई-सिगरेट का उत्पादन, आयात, बिक्री और प्रचार प्रतिबंधित है। हालांकि, कानून में ई-सिगरेट का सिर्फ इस्तेमाल करना या सदन में वेपिंग करना अपराध की श्रेणी में नहीं आता।

अनुशासनात्मक कार्रवाई की संभावना

कीर्ति आजाद पर आरोप सदन के आचरण और गरिमा का उल्लंघन करने से जुड़े हैं। लोकसभा स्पीकर के पास सांसद के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने का अधिकार है। इसमें सांसद को निश्चित अवधि के लिए निलंबित करना भी शामिल है। इसके अलावा, स्पीकर चाहें तो मामले को सदन की आचार समिति (Ethics Committee) को भेज सकते हैं। समिति आरोपों की विस्तृत जांच कर सकती है और कड़ी कार्रवाई की सिफारिश कर सकती है।

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