
नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का कहर जारी है और अगले कुछ दिन भी लोगों को राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। बढ़ती ठंड और उच्च प्रदूषण स्तर का यह डबल वार स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा बन सकता है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, ठंडी हवाओं में नमी बढ़ने से प्रदूषित कण हवा में लंबे समय तक टिके रहेंगे, जिससे सांस संबंधी बीमारियों का खतरा और बढ़ जाएगा।
📊 शुक्रवार को प्रदूषण का स्तर
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) के एयर बुलेटिन के अनुसार, राजधानी का AQI 322 दर्ज किया गया। सुबह 10 बजे यह 309 था। आसपास के शहरों में प्रदूषण स्तर इस प्रकार रहा:
- फरीदाबाद: 204
- गाजियाबाद: 314
- ग्रेटर नोएडा: 284
- गुरुग्राम: 253
- नोएडा: 306
🏙️ सबसे प्रदूषित इलाके
दिल्ली के प्रमुख प्रदूषित क्षेत्रों में AQI इस प्रकार दर्ज किया गया:
- आनंद विहार: 355
- बवाना: 384
- बुराड़ी क्रॉसिंग: 356
- चांदनी चौक: 351
- आईटीओ: 357
- जहांगीरपुरी: 358
- पंजाबी बाग: 359
- विवेक विहार: 357
- वजीरपुर: 355
🌬️ हवाओं की गति और भविष्य का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, 8 से 10 नवंबर तक प्रदूषण बेहद खराब श्रेणी में रहने की संभावना है। शुक्रवार को हवा की गति 10 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे रही। आने वाले दिनों में हवाओं की गति 5 से 15 किलोमीटर प्रति घंटे के बीच रह सकती है, जिससे प्रदूषण के कण हवा में लंबे समय तक बने रहेंगे।
🔥 पराली जलाने का असर
बीते गुरुवार की तुलना में शुक्रवार को पराली जलाने के मामले लगभग 50 प्रतिशत कम हुए। इसी वजह से राजधानी में पराली प्रदूषण अपेक्षाकृत कम रहा। हालांकि विशेषज्ञों का अनुमान है कि अगले दो दिनों के दौरान पराली जलाने के कारण प्रदूषण में योगदान 30 से 32 प्रतिशत तक रह सकता है।
निष्कर्ष:
दिल्ली-एनसीआर के लोग अगले कुछ दिन बाहर निकलते समय मास्क पहनने और प्रदूषण से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दें। ठंड और प्रदूषण का संयोजन स्वास्थ्य के लिए गंभीर जोखिम पैदा कर सकता है, विशेषकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए।