Monday, December 1

खरगे के बयान से राज्यसभा में हंगामा, BJP ने बताया सभापति का अपमान

नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत पहले ही दिन हंगामेदार रही। राज्यसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के एक बयान ने सदन में तीखी बहस छेड़ दी। खरगे ने सदन में पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का जिक्र किया, जिसे भाजपा ने सभापति का अपमान बताया और विरोध शुरू कर दिया।

खरगे के बयान से बिगड़ा माहौल

राज्यसभा में बोलते हुए खरगे ने कहा कि उन्हें यह कहते हुए दुख है कि पूर्व सभापति (जगदीप धनखड़) को सदन से विदाई देने का अवसर नहीं मिला। उन्होंने नए सभापति सीपी राधाकृष्णन से उम्मीद जताई कि वे इस उल्लेख को गलत नहीं मानेंगे।
खरगे के इतना कहते ही सत्तापक्ष नाराज हो गया और सदन में शोर-शराबा शुरू हो गया।

जेपी नड्डा का पलटवार

राज्यसभा में सदन के नेता जेपी नड्डा ने खरगे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि सम्मान समारोह की गरिमा बनाए रखना आवश्यक है और बिना वजह ऐसे मुद्दे उठाना उचित नहीं।
नड्डा ने आगे कहा, “अगर इस तरह की बातें शुरू होंगी तो हमें यह भी बताना पड़ेगा कि विपक्ष ने धनखड़ जी के खिलाफ एक नहीं, दो-दो बार अविश्वास प्रस्ताव लाया था।”

नड्डा ने विपक्ष की हालिया चुनावी हार पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, “बिहार, हरियाणा और महाराष्ट्र में पराजय का दर्द समझ आता है, लेकिन दर्द किसी डॉक्टर को बताया जाता है, सदन को नहीं।”

शीतकालीन सत्र की शुरुआत में ही टकराव

सत्र के पहले दिन ही हुई इस तीखी नोकझोंक ने संकेत दे दिया कि शीतकालीन सत्र राजनीतिक गर्माहट से भरा रहने वाला है। विपक्ष जहां सरकार को घेरने की तैयारी में है, वहीं सत्ता पक्ष आक्रामक जवाब देने को तैयार दिख रहा है।

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