
राजस्थान सरकार ने जल जीवन मिशन (JJM) घोटाले में अब तक की सबसे बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए जलदाय विभाग के 140 अधिकारियों और कर्मचारियों को चार्जशीट थमा दी है। नए मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास के निर्देश पर यह कड़ा कदम उठाया गया है। चार्जशीट पाने वालों में 15 एक्सईएन, 40 एईएन, 50 जेईएन सहित 35 अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं।
🔹 फाइलें खंगालते ही शुरू हुई सख्त कार्रवाई
प्रदेश में पदभार संभालते ही मुख्य सचिव वी. श्रीनिवास ने JJM घोटाले की सभी फाइलों की समीक्षा के निर्देश दिए थे। उन्होंने साफ कहा कि —
“जिस भी अधिकारी की भूमिका संदिग्ध रही है, उसके खिलाफ बिना किसी दबाव के कड़ी कार्रवाई की जाए।”
इसके बाद जलदाय विभाग हरकत में आया और रिकॉर्ड समय में 140 अधिकारियों को चार्जशीट जारी कर दी गई।
🔹 दो दिन का विशेष शिविर, मोबाइल जब्त
इतनी बड़ी संख्या में कार्रवाई पहली बार देखने को मिली।
चार्जशीट जारी करने के लिए विभाग में दो दिन का विशेष शिविर लगाया गया।
शिविर के दौरान:
- सभी संदिग्ध अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से बुलाया गया
- मोबाइल फोन स्विच ऑफ कराए गए, ताकि कोई बाहरी ‘एप्रोच’ न लगा सके
- चार्जशीट की प्रतियां मौके पर ही कार्मिक विभाग को भेजने के निर्देश दिए गए
जयपुर ग्रामीण, कोटपूतली-बहरोड़, दौसा, अलवर, नीमकाथाना और झुंझुनूं सहित कई जिलों के एक्सईएन, अधीक्षण अभियंता और AEN स्तर के अधिकारी कार्रवाई की जद में आए हैं।
🔹 करोड़ों का एडवांस भुगतान, ब्लैकलिस्टेड फर्में भी लाभान्वित
JJM घोटाले में सबसे बड़ा खुलासा यह था कि—
- कई फर्मों को काम शुरू किए बिना ही करोड़ों का एडवांस भुगतान कर दिया गया
- भुगतान पाने वालों में ब्लैकलिस्टेड कंपनियां भी शामिल थीं
- कई ठेकेदारों ने कागजों पर काम पूरा दिखाकर भुगतान ले लिया
- वहीं, पूर्व मंत्री महेश जोशी समेत कई लोग पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं
🔹 पूर्व मुख्य सचिव के समय 50 चार्जशीट अटकी थीं
पूर्व मुख्य सचिव सुधांश पंत ने भी कार्रवाई शुरू की थी लेकिन 50 से अधिक चार्जशीट आगे नहीं बढ़ सकी थीं। नए मुख्य सचिव के आते ही लंबित फाइलों पर तुरंत निर्णय लिया गया और सभी 140 चार्जशीट फाइल कर दी गईं।