
नई दिल्ली: भारतीय नौसेना के प्रमुख एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान से हुई नौसैनिक झड़प पर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने बताया कि पहलगाम हमले के 96 घंटों के भीतर नौसेना ने अपनी युद्ध तत्परता का प्रदर्शन करते हुए उत्तरी अरब सागर में पाकिस्तानी बेड़े को उनके बंदरगाहों तक सीमित कर दिया।
एडमिरल त्रिपाठी ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर ने हमारी त्वरित तैनाती, हथियारों की गोलाबारी और आक्रामक युद्धाभ्यास को प्रदर्शित किया। उत्तरी हिंद महासागर में कैरियर बैटल ग्रुप की उपस्थिति ने यह सुनिश्चित किया कि पाकिस्तानी नौसेना अपने तट से बाहर न निकल सके।”
उन्होंने भविष्य की नौसैनिक योजनाओं पर भी प्रकाश डाला। एडमिरल ने कहा कि INS विक्रमादित्य अपने सेवा जीवन के अंत की ओर बढ़ रहा है, इसलिए भविष्य में दो विमानवाहक पोतों के संचालन की योजना है। इसके साथ ही, दो परमाणु-संचालित पनडुब्बियों के निर्माण को सरकार ने मंजूरी दी है, जो पनडुब्बी क्षमताओं में बड़ा कदम है।
नौसेना प्रमुख ने समुद्री अस्थिरता और क्षेत्रीय चुनौतियों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि लाल सागर में हौथी हमलों ने वैश्विक शिपिंग मार्गों को अस्थायी रूप से बाधित किया, जिससे समुद्र में सुरक्षा और सतर्कता की आवश्यकता और बढ़ गई।
एशिया और ओशिनिया में रक्षा खर्च में 46 प्रतिशत वृद्धि और नौसैनिक क्षमताओं का तेज निर्माण, एडमिरल त्रिपाठी के अनुसार, इस क्षेत्र में बढ़ती प्रतिस्पर्धा और समुद्री सुरक्षा चुनौतियों का संकेत देता है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि भारतीय नौसेना हमेशा तैयार है और किसी भी स्थिति में देश के हितों की रक्षा करने में सक्षम है।