
जैसलमेर। राजस्थान के जैसलमेर में हुए भयावह स्लीपर बस अग्निकांड का दर्द अब भी ताजा है। डेढ़ महीने पहले हुई इस घटना में गंभीर रूप से झुलसे यात्रियों में से एक और पीड़ित की रविवार को मौत हो गई। इस मौत के साथ ही मृतकों की संख्या बढ़कर 29 हो गई है।
हादसा और जख्मों की कहानी
14 अक्टूबर की रात को जैसलमेर हाईवे पर दौड़ती स्लीपर बस में अचानक आग लग गई थी। तेज रफ्तार से चल रही बस में आग लगने से यात्रियों को बाहर निकलने का मौका नहीं मिला। बस में इमरजेंसी गेट नहीं होने के कारण यात्री खुद को झुलसते हुए बाहर निकालने के लिए सीसा तोड़कर और खिड़कियों से कूदकर जान बचाने की कोशिश करते नजर आए।
इस हादसे में प्रारंभिक तौर पर 19 यात्रियों की मौके पर मौत हो गई थी, जबकि गंभीर रूप से झुलसे 11 यात्रियों ने पहले दम तोड़ दिया था। अब उबेदुल्ला की मौत के साथ मृतकों की संख्या 29 हो चुकी है।
उबेदुल्ला: परिवार के इकलौते कमाने वाले
जैसलमेर पुलिस के मुताबिक मृतक उबेदुल्ला पोकरण के पास स्थित गोमटा गांव के निवासी थे। वे केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान, जैसलमेर में सीनियर टेक्निकल ऑफिसर के पद पर कार्यरत थे।
स्थानीय लोगों ने बताया कि उबेदुल्ला पांच बेटियों के पिता थे और परिवार में इकलौते कमाने वाले व्यक्ति थे। अब उनकी विधवा मां और पांच बेटियां पीछे रह गई हैं।
गांव के लोग चिंतित हैं कि अब पांच बेटियों और मां का पालन-पोषण कौन करेगा, क्योंकि परिवार की आर्थिक स्थिति केवल उबेदुल्ला पर निर्भर थी।
जख्म अब भी ताजा
जैसलमेर स्लीपर बस अग्निकांड ने प्रदेश में बड़े जख्म दिए हैं। यह हादसा कई परिवारों के लिए अपूरणीय क्षति लेकर आया। डेढ़ महीने बाद भी, पीड़ितों की मौत की खबरें आने से जख्म फिर से हरे हो जाते हैं।