
मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) की ड्यूटी में लगाए गए 43 वर्षीय बीएलओ सर्वेश कुमार की आत्महत्या ने प्रशासनिक व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कंपोजिट विद्यालय जाहिदपुर भगतपुर टांडा में तैनात अध्यापक सर्वेश को बूथ संख्या 406 का बीएलओ बनाया गया था। काम के बढ़ते दबाव से परेशान होकर उन्होंने शनिवार देर रात मौत को गले लगा लिया।
रविवार सुबह परिजनों ने सर्वेश का शव कमरे में फंदे से लटका देखा तो घर में कोहराम मच गया। परिवार का आरोप है कि सर्वेश को SIR के कार्य का अत्यधिक बोझ दे दिया गया था, जिसकी वजह से वे कई दिनों से तनाव में थे।
■ आत्महत्या से पहले रोते हुए बनाया वीडियो, कहा—“मैं जीना चाहता हूँ, पर दबाव बहुत है…”
सोशल मीडिया पर वायरल सर्वेश का वीडियो पूरे प्रदेश में लोगों को झकझोर रहा है। वीडियो में वह फूट-फूटकर रोते हुए कहते हैं—
“मम्मी, मेरी चारों बेटियों का ख़याल रखना… मैं जो कदम उठाने जा रहा हूँ, उसका ज़िम्मेदार मैं खुद हूँ। परिवार को कोई कुछ न कहे। SIR के काम का दबाव बहुत ज़्यादा है। न मैं सो पा रहा हूँ, न काम कर पा रहा हूँ। मैं जीना चाहता हूँ, पर मुझसे अब नहीं हो रहा…”
तीन पन्नों का सुसाइड नोट भी मिला है, जिसमें भी उन्होंने काम के बोझ और मानसिक दबाव का जिक्र किया है।
■ पत्नी बबली का आरोप—“हेड मास्टर थे, ट्रेनिंग के बिना बीएलओ बना दिया”
मृतक की पत्नी बबली ने प्रशासन पर लापरवाही के गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा—
“मेरे पति स्कूल के हेड मास्टर थे, बीएलओ थोड़ी न थे। बिना किसी ट्रेनिंग के SIR का इतना बड़ा काम दे दिया। एक हज़ार से ज्यादा फॉर्म भरवा दिए गए, कोई मदद भी नहीं मिली। वह रात दो बजे तक काम करते थे, मैं भी साथ बैठती थी। दबाव के कारण ही उनकी जान गई है।”
पत्नी का कहना है कि अगर प्रशासन ने उचित मार्गदर्शन और सहयोग दिया होता, तो उनके पति आज ज़िंदा होते।
■ प्रशासन पर उठे सवाल, परिवार को न्याय की उम्मीद
सर्वेश की मौत ने ग्रामीण इलाकों में BLO और SIR कार्यों के भारी दबाव और अव्यवस्थित कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। शिक्षकों और स्थानीय लोगों का कहना है कि बिना पर्याप्त प्रशिक्षण, संसाधन और सहयोग के बड़े पैमाने पर जिम्मेदारियाँ थोप दी जाती हैं, जिससे कई कर्मचारी मानसिक तनाव से जूझते हैं।
परिवार ने मांग की है कि इस घटना की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए और दोषियों पर कार्रवाई की जाए।
सर्वेश की दर्दनाक मौत प्रशासनिक दबाव की मार झेल रहे हजारों कर्मचारियों की स्थिति पर गंभीर प्रश्नचिह्न छोड़ जाती है।