Monday, December 1

70 की उम्र में मां बनीं जीवुबेन: रिश्तेदारों ने कहा ‘अब संभव नहीं’, पर हिम्मत और विज्ञान ने रचा अनोखा चमत्कार

अहमदाबाद: गुजरात के कच्छ जिले के मोरा गांव की 70 वर्षीय जीवुबेन रबारी की कहानी इन दिनों सोशल मीडिया पर प्रेरणा बनकर छाई हुई है। एक ऐसा चमत्कार जिसने न सिर्फ गांव, बल्कि पूरे देश को हैरत में डाल दिया है। जिस उम्र में लोग मातृत्व की उम्मीद छोड़ देते हैं, उस उम्र में जीवुबेन ने मां बनने का सपना पूरा कर दिखाया।

शादी के 45 वर्ष बाद, अनेक मंदिरों में मन्नतें मांगने और तमाम इलाज करवाने के बावजूद जब गोद नहीं भरी, तो रिश्तेदारों ने कहना शुरू कर दिया—“अब यह संभव ही नहीं…” लेकिन जीवुबेन ने उम्मीद नहीं छोड़ी। आखिरकार IVF तकनीक की मदद से उन्होंने अक्टूबर 2021 में एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। चार साल बाद यह अनोखी कहानी फिर सुर्खियों में है और लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही है।

■ कौन हैं जीवुबेन और उनके पति?

मोरा गांव के मालधारी समाज से ताल्लुक रखने वाली जीवुबेन रबारी और उनके पति वालाभाई पशुपालन करते हैं। दोनों ने जीवन भर संतान पाने का सपना पाला था, लेकिन उम्र के साथ यह सपना धुंधला पड़ता चला गया।

हालांकि जीवुबेन के पास उम्र का आधिकारिक प्रमाण नहीं था, लेकिन उन्होंने डॉक्टरों को बताया कि उन्होंने लगभग 65 से 70 गर्मियां देखी हैं। इसके बावजूद वह मां बनने की अपनी जिद पर अडिग रहीं—और इसी जिद ने चमत्कार को जन्म दिया।

■ 70 साल में कैसे संभव हुई प्रेग्नेंसी?

गाइनेकोलॉजिस्ट डॉ. नरेश भानुशाली ने टीओआई को बताया कि जीवुबेन की उम्र और स्वास्थ्य को देखते हुए मामला बेहद चुनौतीपूर्ण था। डॉक्टरों के अनुसार—

  • पहले उनके पीरियड्स को रेगुलर करने के लिए दवाएं दी गईं,
  • फिर उम्र के कारण सिकुड़े हुए गर्भाशय को चौड़ा किया गया,
  • फर्टिलाइज्ड एग से ब्लास्टोसिस्ट बनाकर गर्भाशय में ट्रांसफर किया गया।

दो हफ्ते बाद सोनोग्राफी में गर्भ का विकास देखकर डॉक्टर भी दंग रह गए। प्रेग्नेंसी में उच्च रक्तचाप का खतरा था, इसलिए आठवें महीने में सी-सेक्शन कर सुरक्षित डिलीवरी कराई गई।

डॉक्टरों ने इसे दुनिया के सबसे दुर्लभ और प्रेरक मामलों में से एक बताया।

■ रिश्तेदारों ने उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन जीवुबेन नहीं

परिवार के लोग, रिश्तेदार और समाज सभी यह मान चुके थे कि अब संतान मिलना संभव नहीं है। उम्र, असफल प्रयासों और बढ़ते वर्षों ने उम्मीदों को तोड़ दिया था। लेकिन जीवुबेन कहती हैं—
“मां बनने का सपना कभी पुराना नहीं होता, बस हिम्मत नहीं हारनी चाहिए।”

■ प्रेरणा बनी जीवुबेन की कहानी

आज जीवुबेन का बच्चा चार साल का हो चुका है। उनकी मां बनने की यह अनोखी यात्रा सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल है। लोग इसे इस बात का प्रतीक मान रहे हैं कि—
“सपनों की कोई उम्र नहीं होती, और मां बनने की चाह कभी बूढ़ी नहीं पड़ती।”

जीवुबेन रबारी की कहानी विज्ञान, इच्छाशक्ति और उम्मीद की ऐसी मिसाल है जिसे दुनिया लंबे समय तक याद रखेगी।

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