
नई दिल्ली: शेयर बाजार के रेगुलेटर सेबी (SEBI) ने शुक्रवार को दो महत्वपूर्ण फैसले लिए। एक ओर रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (REITs) को अब इक्विटी कैटेगरी में शामिल किया गया है, वहीं सोशल मीडिया पर निवेश की सलाह देने वालों पर कड़ी निगरानी और नियंत्रण लागू करने का प्रस्ताव भी पेश किया गया।
REITs का नया दर्जा:
सेबी के सर्कुलर के मुताबिक, 1 जनवरी 2026 से म्यूचुअल फंड्स और स्पेशलाइज्ड इन्वेस्टमेंट फंड्स (SIFs) जो भी पैसा REITs में निवेश करेंगे, उसे इक्विटी निवेश माना जाएगा। वहीं, इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट्स (InvITs) पहले की तरह हाइब्रिड कैटेगरी में ही बने रहेंगे।
पुराने निवेशकों को राहत दी गई है। 31 दिसंबर, 2025 तक डेट स्कीम्स के तहत किए गए REIT निवेश नए नियमों से प्रभावित नहीं होंगे। हालांकि, फंड हाउसों को सलाह दी गई है कि वे धीरे-धीरे इन निवेशों को बाजार की परिस्थितियों और निवेशकों के हित को ध्यान में रखते हुए मैनेज करें।
शेयर बाजार में शामिल होने की समयसीमा:
REITs को शेयर बाजार के इंडेक्स में 1 जुलाई 2026 के बाद ही शामिल किया जा सकेगा। इस फैसले का मुख्य उद्देश्य म्यूचुअल फंड और SIF को रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश को आसान बनाना है।
सोशल मीडिया निवेश सलाह पर नई पाबंदियां:
सेबी ने सोशल मीडिया पर निवेश सलाह देने वालों पर कड़ी निगरानी लगाने के लिए नया प्रस्ताव रखा है। इसके तहत:
- शेयर बाजार से जुड़े सभी रजिस्टर्ड लोग, कंपनियां और उनके एजेंट अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल पर रजिस्टर्ड नाम और रजिस्ट्रेशन नंबर स्पष्ट रूप से दिखाएंगे।
- बिना सेबी की अनुमति पुराने प्रदर्शन का प्रचार करना मना होगा।
- सोशल मीडिया पर किसी भी प्रोडक्ट या सर्विस का प्रचार विज्ञापन माना जाएगा और विज्ञापन नियम लागू होंगे।
सेबी का यह कदम निवेशकों को गुमराह करने वाले फर्जी सलाहकारों और अवैध प्रचार से बचाने के लिए उठाया गया है।