
मुज़म्मिल ने जुलाई में खोरी जमालपुर इलाके में एक तीन कमरों का मकान किराये पर लिया था। यह मकान गांव के पूर्व सरपंच जुम्मा की प्लास्टिक यूनिट की दूसरी मंजिल पर है।
किराया—8,000 रुपये प्रति माह
मकान मालिक से कहा गया कि वह “कश्मीर से फल मंगाकर सप्लाई का काम शुरू करना चाहता है”, लेकिन NIA जांच में पता चला कि इस घर का उपयोग विस्फोटक तैयार करने की गतिविधियों के लिए किया जाता था।
डॉ. शाहिन शाहिद भी आती थी साथ
मुज़म्मिल अक्सर इस घर में आता था और उसके साथ डॉक्टर शाहिन शाहिद भी आती थी।
पहले उसने उसे रिश्तेदार बताया, लेकिन NIA पूछताछ में खुलासा किया कि शाहिन उसकी पत्नी है।
तीन महीनों तक यहां सक्रिय रहने के बाद मुज़म्मिल अचानक यह मकान छोड़कर गायब हो गया।
हाल ही में NIA उसे लेकर फिर इस मकान पर पहुंची और पूर्व सरपंच के परिवार से उसके आने-जाने, संदिग्ध गतिविधियों और साथ आने वाले लोगों के बारे में विस्तृत पूछताछ की।
दिल्ली ब्लास्ट के लिए केमिकल कहां से आया था?
जांच में यह भी सामने आया है कि
ब्लास्ट में इस्तेमाल हुआ केमिकल फरीदाबाद के एनआईटी नेहरू ग्राउंड स्थित
B.R. Scientific & Chemicals नामक दुकान से खरीदा गया था।
दुकान मालिक लाल बाबू लाइसेंसधारी केमिकल डीलर हैं और कॉलेजों व अस्पतालों को सप्लाई करते हैं।
NIA ने दुकान की तलाशी लेकर कई दस्तावेज जब्त कर लिए हैं।
आतंकी मॉड्यूल ‘व्हाइट कोट टेरर’ पर NIA की कसती पकड़
मुज़म्मिल अल-फलाह यूनिवर्सिटी का प्रोफेसर है और उसे “व्हाइट कोट टेरर” मॉड्यूल का अहम सदस्य माना जा रहा है।
जांच एजेंसियां अब उसके सभी संपर्कों, सप्लाई चैन और आतंकी नेटवर्क की गहराई से पड़ताल कर रही हैं।
दिल्ली ब्लास्ट के इस केस में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं, और माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में और बड़े राज सामने आ सकते हैं।