
कानपुर, नवभारत टाइम्स: कानपुर की स्थानीय अदालत ने गोविंद नगर से बीजेपी विधायक सुरेंद्र मैथानी के खिलाफ एक मामले में गवाही के लिए उपस्थित न होने पर गैर-जमानती वारंट (NBW) जारी कर दिया। जानकारी मिलते ही विधायक ने तत्काल कोर्ट पहुंचकर आत्मसमर्पण किया। अदालत ने 20 हजार रुपये के व्यक्तिगत बंधपत्र पर वारंट निरस्त कर दिया और भविष्य में समय पर पेश होने की कड़ी चेतावनी दी।
2011 के सड़क हादसे से जुड़ा मामला
यह मामला वर्ष 2011 का है, जब सुरेंद्र मैथानी ने स्वरूप नगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
रिपोर्ट के अनुसार
- उनके रिश्तेदार पुनीत मोहन ढिमरी, निवासी चमोली, उत्तराखंड, गीता नगर में रहते थे।
- पुनीत पेशे से इंजीनियर थे और टेम्पो की आगे की सीट पर बैठकर मालरोड जा रहे थे।
- बेनाझाबर स्थित आकाशवाणी कार्यालय के पास टेम्पो को जोरदार टक्कर मारी गई।
- गंभीर हादसे में उनकी मौके पर ही मौत हो गई।
पुलिस जांच में चालक की पहचान
हादसे के बाद चालक फरार हो गया था। पुलिस जांच में पता चला कि टेम्पो मुश्ताक अली चला रहा था, जो बेकनगंज के तलाक महल का निवासी है। पुलिस की कई कोशिशों के बावजूद वह हाथ नहीं लगा।
अदालत में लंबित मुकदमा
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सूरज मिश्रा की अदालत में यह मामला विचाराधीन है। वादी होने के नाते विधायक मैथानी को गवाही के लिए कई बार तलब किया गया, लेकिन वे निर्धारित तारीखों पर पेश नहीं हुए।
अंततः अदालत ने उनके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी कर गिरफ्तारी का आदेश दिया।
आत्मसमर्पण के बाद राहत
वारंट जारी होने की जानकारी मिलते ही सुरेंद्र मैथानी गुरुवार शाम कोर्ट पहुंचे और आत्मसमर्पण कर दिया। बंधपत्र भरने के बाद कोर्ट ने वारंट निरस्त कर दिया, लेकिन साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि आगे से किसी भी सुनवाई पर अनुपस्थित रहने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।