
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में मतदाता सूची सुधार अभियान (SIR) रफ्तार पकड़ चुका है। प्रदेश के 1.62 लाख से अधिक बीएलओ और 16,795 सुपरवाइजर तेजी से गणना प्रपत्रों का वितरण, संग्रह और डिजिटाइजेशन कर रहे हैं। पिछले 24 घंटों में ही 1.14 करोड़ से अधिक प्रपत्र डिजिटाइज किए गए हैं। औसतन एक बीएलओ 70 प्रपत्र डिजिटाइज कर रहा है।
बीएलओ और सुपरवाइजर को जल्द मिलेगा बढ़ा हुआ मानदेय
मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि SIR अभियान में लगे बीएलओ और सुपरवाइजर का मानदेय बढ़ाने की प्रक्रिया चल रही है। प्रदेश सरकार को भेजे गए प्रस्ताव के अनुसार बीएलओ का मानदेय 500 रुपए से बढ़ाकर 1000 रुपए प्रति माह किया जाएगा। यानी अब उन्हें सालाना 12,000 रुपए मिलेंगे। वहीं, सुपरवाइजर का मानदेय बढ़ाकर 1500 रुपए प्रतिमाह किया जाएगा, यानी सालाना 18,000 रुपए।
अतिरिक्त भत्तों और नए कर्मचारियों के लिए भी तैयारी
साथ ही, SIR के काम में लगे बीएलओ को अतिरिक्त 2,000 रुपए देने का प्रस्ताव है। पहली बार निर्वाचक पंजीयन अधिकारी (ERO) और सहायक निर्वाचक पंजीयन अधिकारी (AERO) को भी मानदेय देने की तैयारी है। ERO को 30,000 रुपए और AERO को 25,000 रुपए एकमुश्त राशि दी जाएगी। वर्तमान में प्रदेश में 403 ERO और 2,042 AERO कार्यरत हैं।
डिजिटाइजेशन की प्रगति
अब तक 6.40 करोड़ गणना प्रपत्र डिजिटाइज हो चुके हैं। औरैया, चित्रकूट, अम्बेडकरनगर, बाराबंकी, पीलीभीत, सहारनपुर और मुरादाबाद जैसे जिले 50% से अधिक प्रपत्र डिजिटाइज कर चुके हैं। SIR अभियान के बाद मृत, स्थानांतरित, डुप्लिकेट और अनट्रेस्ड मतदाताओं के नाम सूची से हटाकर शुद्ध और पारदर्शी मतदाता सूची तैयार की जाएगी।
सार्वजनिक अपील
अधिकारी आम नागरिकों से अपील कर रहे हैं कि वे गणना प्रपत्र सही तरीके से भरकर जल्द ही बीएलओ को उपलब्ध कराएँ, ताकि मतदाता सूची पूर्ण और पारदर्शी बनाई जा सके।