Monday, December 1

लखनऊ के बाद अब नोएडा में मायावती का शक्ति प्रदर्शन, 6 दिसंबर को बड़ी सभा की तैयारियाँ तेज

नोएडा। बहुजन समाज पार्टी अपनी संगठनात्मक ताकत दिखाने के लिए मैदान में उतर चुकी है। 9 अक्टूबर को लखनऊ में हुई रैली के बाद अब बसपा सुप्रीमो मायावती 6 दिसंबर को नोएडा में शक्ति प्रदर्शन करेंगी। डॉ. भीमराव आंबेडकर के परिनिर्वाण दिवस पर राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल, नोएडा में होने वाली श्रद्धांजलि सभा को लेकर तैयारियाँ तेज कर दी गई हैं। बुधवार को गौतमबुद्ध नगर में जिलाध्यक्ष लख्मी सिंह की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई, जिसमें पश्चिमी यूपी के कई जिलों और मंडलों के पदाधिकारी मौजूद रहे।

लखनऊ रैली के बाद से मायावती की सक्रियता ने राजनीतिक हलकों में नई चर्चा पैदा कर दी है। माना जा रहा है कि वह 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले अपने घटते जनाधार को वापस मजबूत करने की रणनीति में जुटी हैं। पार्टी का फोकस विशेष रूप से नोएडा, गाजियाबाद, मेरठ और बुलंदशहर जैसे क्षेत्रों पर है, जहाँ पिछले कुछ वर्षों में बसपा का वोट बैंक कमजोर पड़ा है।

बैठक में मेरठ मंडल मुख्य प्रभारी मेघानंद जाटव, ओमप्रकाश कश्यप, रोहतास जाटव, गोविंद भाटी, बलवीर वाल्मीकि, गोपीचंद जाटव, प्रेम सिंह जाटव सहित कई प्रमुख पदाधिकारी उपस्थित रहे। नेताओं ने बताया कि आने वाली सभा न केवल श्रद्धांजलि कार्यक्रम होगी, बल्कि बसपा कार्यकर्ताओं के लिए मिशन-2027 का आगाज़ भी मानी जा रही है।

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दलित और मुस्लिम वोटरों के पार्टी से दूर जाने और विरोधियों द्वारा लगाए जा रहे आरोप—कि बसपा भाजपा के इशारे पर चल रही है—से पार्टी को नुकसान हुआ है। ऐसे में मायावती का यह शक्ति प्रदर्शन इन अटकलों को खत्म करने और कार्यकर्ताओं में उत्साह बढ़ाने का प्रयास माना जा रहा है।

बसपा जिलाध्यक्ष लख्मी सिंह ने दावा किया कि संगठन आज भी बूथ स्तर तक मजबूत और सक्रिय है। उन्होंने कहा कि कैडर की ऊर्जा का ही परिणाम है कि पार्टी ने बिहार चुनाव अपने दम पर लड़ा और एक सीट हासिल की। उन्होंने बताया कि 6 दिसंबर की सभा के बाद प्रदेशभर के कार्यकर्ता पूरी क्षमता के साथ मिशन-2027 में जुट जाएंगे।

नोएडा की यह रैली बसपा के लिए राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मानी जा रही है, जिसे आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारी का बड़ा संकेत माना जा रहा है।

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