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बिहार का बृज बिहारी प्रसाद हत्याकांड: आज ‘बाहुबली’ मुन्ना शुक्ला की पेशी

भागलपुर/हाजीपुर, 26 नवंबर 2025: बिहार की राजनीति में 1990 के दशक का वह काला अध्याय आज भी याद किया जाता है, जब पूर्व मंत्री बृज बिहारी प्रसाद की क्रूर हत्या ने राज्य को हिला दिया। इस मामले में बाहुबली और पूर्व विधायक मुन्ना शुक्ला (विजय कुमार शुक्ला) की आज हाजीपुर कोर्ट में पेशी होनी है। उन्हें भागलपुर से कड़ी सुरक्षा के बीच न्यायालय तक लाया जाएगा। मुन्ना शुक्ला को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई है।

बृज बिहारी प्रसाद कौन थे?
बृज बिहारी प्रसाद (जन्म 1949) पूर्वी चंपारण के एक साधारण परिवार से थे। 1990 के दशक में उन्होंने जनता दल से राजनीति में कदम रखा और जल्दी ही लालू प्रसाद यादव के करीबी सहयोगी और OBC नेता के रूप में उभरे। उन्हें गरीबों और वंचितों के लिए लड़ने वाला नेता माना जाता था। 1990–95 तक वे ग्रामीण विकास उप-मंत्री रहे और 1995 में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री बने। उनकी पत्नी रमा देवी बाद में भाजपा से सांसद बनीं।

हत्या की पृष्ठभूमि:
1990 के दशक में बिहार में जातीय गैंगवार आम बात थी। बृज बिहारी प्रसाद और भूमिहार गैंगस्टर छोटन शुक्ला के बीच दुश्मनी 1994 में शुरू हुई थी। छोटन की हत्या और उसके भाई भुटकुन शुक्ला की बदले की कार्रवाइयों ने हिंसा की श्रृंखला को जन्म दिया। इसके बाद मुन्ना शुक्ला ने बदला लेने की ठानी।

हत्या कैसे हुई?
1998 में बृज बिहारी प्रसाद इंजीनियरिंग एडमिशन (BECEE) घोटाले में गिरफ्तार हुए और जून में उनकी सुरक्षा के लिए कई कमांडो तैनात किए गए। 13 जून 1998 की शाम, IGIMS (पटना) परिसर में टहल रहे बृज बिहारी प्रसाद, उनके बॉडीगार्ड लक्ष्मेश्वर साहू और दो अन्य लोगों को लाल बत्ती वाली एंबेसडर और टाटा सूमो से उतरे हथियारबंद हमलावरों ने AK-47 और अन्य हथियारों से अंधाधुंध गोलियों से ढेर कर दिया।

राजनीति और ‘जंगलराज’
इस हत्याकांड ने बिहार और देशभर में सियासत में सनसनी फैला दी। लालू-राबड़ी सरकार पर ‘जंगलराज’ का आरोप लगा। यह मामला बिहार की राजनीति में बाहुबल और जातीय हिंसा का प्रतीक बन गया।

आज पेशी:
मुन्ना शुक्ला सुप्रीम कोर्ट द्वारा उम्रकैद की सजा पाए हुए हैं। उनकी आज की पेशी हाजीपुर कोर्ट में होगी, जहां कड़ी सुरक्षा के बीच उन्हें पेश किया जाएगा।

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