Tuesday, November 4

जेएनयू छात्र संघ चुनाव: किसके सिर सजेगा ताज? एबीवीपी बनाम लेफ्ट के बीच कांटे की टक्कर, मतदान जारी

नई दिल्ली। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में शनिवार को शैक्षणिक सत्र 2025-2026 के लिए छात्र संघ चुनाव (JNUSU Election 2025) का मतदान जारी है। देश के प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में गिने जाने वाले जेएनयू में हर साल की तरह इस बार भी एबीवीपी और लेफ्ट अलायंस (AISA–DSF–SFI) के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। सुबह से ही मतदान केंद्रों पर छात्रों की लंबी कतारें लगी हैं और छात्र बड़ी संख्या में अपने प्रतिनिधियों को चुनने पहुंचे हैं।

6 नवंबर को आएंगे नतीजे
इस चुनाव को लेकर छात्रों में खासा उत्साह है। एबीवीपी और लेफ्ट दोनों ही गुट अपनी-अपनी जीत का दावा कर रहे हैं। हालांकि, यह तय होगा 6 नवंबर को, जब मतगणना के बाद परिणाम घोषित किए जाएंगे। तब पता चलेगा कि जेएनयू की छात्र राजनीति का नेतृत्व किसके हाथों में जाएगा।

चार पदों पर हो रही है टक्कर
छात्र संघ के चार प्रमुख पदों — अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव — के लिए मतदान हो रहा है। इन पदों पर कुल 20 उम्मीदवार मैदान में हैं।

अध्यक्ष पद के उम्मीदवार

  • अदिति मिश्रा (लेफ्ट अलायंस)
  • विकास पटेल (एबीवीपी)
  • अंगद सिंह
  • राज रतन राजोरिया
  • शीर्ष इंदु
  • शिंदे विजयलक्ष्मी व्यंकट राव

उपाध्यक्ष पद के उम्मीदवार

  • किझाकूट गोपिका बाबू (लेफ्ट)
  • तान्या कुमारी (एबीवीपी)
  • शेख शाहनवाज़ आलम

महासचिव पद के उम्मीदवार

  • सुनील यादव (लेफ्ट)
  • राजेश्वर कांत दुबे (एबीवीपी)
  • गोपी कृष्णन यू
  • प्रीति
  • शुएब खान

संयुक्त सचिव पद के उम्मीदवार

  • दानिश अली (लेफ्ट)
  • अनुज दमारा (एबीवीपी)
  • कुलदीप ओझा
  • मनमोहन मित्रुका
  • रवि राज

राजनीतिक समीकरण और दावे
लेफ्ट अलायंस (AISA, DSF, SFI) ने इस बार “छात्रों की आवाज, लोकतंत्र की रक्षा” के नारे के साथ चुनाव में उतरते हुए अदिति मिश्रा को अध्यक्ष पद का चेहरा बनाया है। वहीं, एबीवीपी “राष्ट्रवाद और शिक्षा सुधार” के एजेंडे पर मैदान में है, जिसने विकास पटेल को अध्यक्ष पद के लिए उतारा है।

दोनों ही पक्षों के बीच मुकाबला काफी रोचक और रोमांचक बना हुआ है। विश्वविद्यालय परिसर में बहस, पोस्टर व सोशल मीडिया कैंपेन के जरिए दोनों दल अपने-अपने उम्मीदवारों के लिए समर्थन जुटा रहे हैं।

कौन लेगा जेएनयू की कमान?
सवाल अब यह है कि आने वाले सत्र में जेएनयू की कमान किसके हाथों में जाएगी — एबीवीपी के या फिर लेफ्ट के? फिलहाल, सभी की निगाहें 6 नवंबर पर टिकी हैं, जब यह स्पष्ट हो जाएगा कि जेएनयू का नया “स्टूडेंट प्रेसिडेंट” कौन बनेगा।

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