
जबलपुर, 03 नवम्बर 2025
मध्यप्रदेश की आस्था और विकास, दोनों को एक साथ नई ऊंचाई देने जा रही है राज्य सरकार। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि उज्जैन में बाबा महाकाल को समर्पित एक अत्याधुनिक एयरपोर्ट का निर्माण किया जाएगा। यह एयरपोर्ट न केवल उज्जैन की पहचान को वैश्विक हवाई मानचित्र पर स्थापित करेगा, बल्कि प्रदेश के गौरव और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक बनेगा।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि “बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन अब आस्था की उड़ान भरने जा रही है। यह एयरपोर्ट श्रद्धा, समृद्धि और सुशासन की नई ऊंचाई का प्रतीक होगा। हमारी सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2028 में होने वाले सिंहस्थ महाकुंभ मेले से पहले एयरपोर्ट का निर्माण कार्य पूर्ण हो जाए, ताकि देश-विदेश से आने वाले लाखों-करोड़ों श्रद्धालु सुगमता से बाबा महाकाल के दर्शन के लिए उज्जैन पहुंच सकें।”
उन्होंने कहा कि “मध्यप्रदेश अब सच्चे अर्थों में भारत का दिल बनकर विकास की नई उड़ान भर रहा है। राज्य सरकार केंद्र के सहयोग से हर नागरिक तक हवाई सुविधा पहुंचाने के लिए कटिबद्ध है। हमारा उद्देश्य है कि ‘हवाई चप्पल पहनने वाला भी हवाई जहाज में सफर करे।’”
मुख्यमंत्री ने बताया कि उज्जैन का एयरपोर्ट बनने के बाद प्रदेश में 9वां एयरपोर्ट होगा। वर्तमान में इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर, खजुराहो, रीवा, दतिया और सतना में एयरपोर्ट संचालित हैं। अब उज्जैन के जुड़ने से राज्य में हवाई अड्डों की संख्या नौ हो जाएगी।
राज्य सरकार ने उज्जैन एयरपोर्ट के लिए दताना-मताना हवाई पट्टी को विकसित करने का निर्णय लिया है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और निर्माण एजेंसी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर एक नवंबर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव और केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री श्री किंजरापु राममोहन नायडू की मौजूदगी में किए गए।
अपर मुख्य सचिव (विमानन) श्री संजय कुमार शुक्ला ने बताया कि “एयरपोर्ट निर्माण के लिए सभी प्रशासनिक और तकनीकी प्रक्रियाएं प्रारंभ हो चुकी हैं। आने वाले समय में कुछ और जिलों में भी एयर कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए नए एयरपोर्ट स्थापित किए जाएंगे।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि “उज्जैन का एयरपोर्ट केवल एक परियोजना नहीं, बल्कि श्रद्धा, सेवा और स्वाभिमान का प्रतीक होगा। बाबा महाकाल के आशीर्वाद से मध्यप्रदेश विकास के नए आयाम गढ़ रहा है। यह एयरपोर्ट न केवल उज्जैन को आसमान से जोड़ेगा, बल्कि प्रदेश के पर्यटन, व्यापार और अर्थव्यवस्था को भी नई दिशा देगा।”
महत्वपूर्ण बिंदु :
- उज्जैन का एयरपोर्ट 2028 तक तैयार करने का लक्ष्य
- सिंहस्थ महाकुंभ से पहले संचालन शुरू करने की योजना
- प्रदेश का 9वां एयरपोर्ट होगा उज्जैन
- एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया और राज्य सरकार के बीच एमओयू संपन्न
- छोटे विमानों और हेलीकॉप्टर सेवाओं से सभी जिलों को जोड़ा जाएगा
- मध्यप्रदेश बना देश का पहला राज्य जो इंट्रा-स्टेट एयर सर्विस प्रारंभ करने जा रहा है
“पुरानी अवंतिका, नई उज्जयिनी — आस्था और आधुनिकता का संगम”
यह एयरपोर्ट उज्जैन को न केवल वैश्विक विमानन मानचित्र पर स्थापित करेगा, बल्कि उसे भारत की आध्यात्मिक राजधानी के रूप में और सशक्त पहचान भी देगा।