Tuesday, November 4

ई-टोकन प्रणाली बनी किसानों की पहली पसंद, खाद वितरण में मिली बड़ी राहत

जबलपुर, 03 नवम्बर, 2025

जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू की गई ई-टोकन एवं उर्वरक वितरण प्रणाली अब किसानों की पसंदीदा व्यवस्था बन गई है। खाद के लिए लंबी लाइनों में लगने और बार-बार केंद्र के चक्कर लगाने की पुरानी परेशानी अब इतिहास बन गई है। किसान अब अपने मोबाइल से महज 5 मिनट में ई-टोकन जेनरेट कर निर्धारित समय पर डबल लॉक केंद्र से खाद प्राप्त कर रहे हैं।

कृषि विभाग के अधिकारियों — उप संचालक कृषि डॉ. एस.के. निगम, सहायक संचालक रवि आम्रवंशी, अनुविभागीय कृषि अधिकारी डॉ. इंदिरा त्रिपाठी और वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी एस.के. परतेती ने सोमवार को शहपुरा और पाटन के डबल लॉक केंद्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने किसानों से बातचीत कर ई-टोकन प्रणाली के बारे में फीडबैक लिया।

किसानों ने बताया कि इस नई व्यवस्था ने उनका समय, श्रम और परेशानी तीनों कम कर दिए हैं। अब खाद वितरण केंद्र पर पहुंचते ही उन्हें बिना किसी प्रतीक्षा के उनकी जरूरत के अनुसार खाद उपलब्ध हो जाती है।

युवा कृषक आदि जैन ने बताया कि उन्होंने अपने पिता के साथ सिकमी जमीन पर खेती के लिए ई-टोकन के माध्यम से उर्वरक प्राप्त किया। “अब लाइन में लगने या इंतजार करने की जरूरत नहीं, पूरी प्रक्रिया बहुत सहज है,” उन्होंने कहा।

उप संचालक कृषि डॉ. एस.के. निगम ने बताया कि किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए पोर्टल को लगातार अपडेट किया जा रहा है। अब किसान अपने पंजीयन में हुई त्रुटियों को स्वयं सुधार सकते हैं, साथ ही भूमि की जानकारी न दिखने पर “भू-अभिलेख जोड़ें” लिंक से खसरे जोड़ने की सुविधा भी दी गई है।

इसके अतिरिक्त, मंदिर, ट्रस्ट, संयुक्त या सिकमी भूमि पर खेती कर रहे किसान भी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से सत्यापन के बाद ई-टोकन जेनरेट कर उर्वरक प्राप्त कर सकेंगे।

कृषि विभाग का मानना है कि यह डिजिटल व्यवस्था पारदर्शिता और सुगमता का नया अध्याय खोल रही है। किसानों की बढ़ती संतुष्टि इस बात का प्रमाण है कि ई-टोकन प्रणाली भविष्य में राज्यभर में खाद वितरण की रीढ़ साबित होगी।

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