Friday, November 21

बांदा: डकैती और भ्रष्टाचार के आरोपी सिपाही ने खुद बनाया कोर्ट का फर्जी आदेश, प्रमोशन पा लिया – अब जेल की राह पर

बांदा/खीरी। उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक सिपाही ने नियमों और कानून की हद पार कर दी। वर्ष 2005 में तैनात रहे सिपाही भाई लाल (वर्तमान में मुख्य आरक्षी, खीरी) ने पुराने भ्रष्टाचार और डकैती के मुकदमों में खुद को दोषमुक्त दिखाने के लिए जाली कोर्ट ऑर्डर तैयार किया। इस फर्जी आदेश के आधार पर उसे प्रमोशन भी मिल गया। अब असलियत सामने आने पर पुलिस ने उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है और उसकी गिरफ्तारी का रास्ता साफ है।

भाई लाल पर लगे आरोप

कोतवाली नरैनी को मिली शिकायत में बताया गया कि भाई लाल पर वर्ष 2005 में धारा 12(2) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, आईपीसी की धारा 452, 323, 504, 506, 325, 295 और 120बी में केस दर्ज था। विभागीय जांच के दौरान उसने 28 जून 2016 का दोषमुक्ति आदेश सीओ नगर, बांदा को सौंपा और दावा किया कि यह न्यायालय का आदेश है।

फर्जी आदेश का खुलासा

नरैनी थाने और न्यायालय से अपडेट रिपोर्ट मांगने पर पता चला कि मुकदमे में जांच अभी जारी थी और आरोप तय नहीं हुए थे। मामले की अगली सुनवाई 20 जुलाई 2020 निर्धारित थी। पीठासीन अधिकारी ने आपत्ति दर्ज की और जांच में पाया गया कि भाई लाल द्वारा पेश किया गया दोषमुक्ति आदेश जाली है। 12 जून 2024 को कोर्ट से प्राप्त रिपोर्ट ने इस धोखाधड़ी की पुष्टि की।

एसपी बांदा ने कार्रवाई शुरू की

फर्जी दस्तावेज तैयार कर प्रमोशन हासिल करने और विभाग को धोखा देने के आरोप में पुलिस अधीक्षक बांदा पलाश बंसल के निर्देश पर आरोपी मुख्य आरक्षी भाई लाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। आरोपी फिलहाल खीरी जिले में तैनात है।

एसपी पलाश बंसल ने कहा कि मामले की तत्काल और गंभीर जांच की जा रही है और जल्द ही आरोपी की गिरफ्तारी की जाएगी।

यह मामला दिखाता है कि कानून का उल्लंघन करने वाले भी अंततः कानून के शिकंजे में फंसते हैं, चाहे वे पुलिस विभाग के अधिकारी ही क्यों न हों।

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