Monday, November 3

रोमांटिक मूड में था सांपों का जोड़ा, तभी गिरा मलबा — घायल नाग का हुआ सफल ऑपरेशन, फिर छोड़ा गया जंगल में

हमीरपुर (हिमाचल प्रदेश): प्यार में डूबे एक ‘नाग-नागिन’ के जोड़े पर अचानक आई आफत ने पूरे इलाके को हैरान कर दिया। जिला हमीरपुर के जजरी गांव में बारिश के दौरान एक कच्चा मकान ढह गया, और मलबे के नीचे एक सात फुट लंबा ब्लैक किंग कोबरा दब गया। घायल कोबरा को ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए बचाया और उसकी पहली बार सफल सर्जरी की गई।

यह घटना न केवल वन्यजीव संरक्षण का दुर्लभ उदाहरण बनी, बल्कि मानव संवेदनशीलता और करुणा की मिसाल भी पेश की।

‘नाग-नागिन’ की जोड़ी थी साथ

स्थानीय स्नेक कैचर जसवीर पटियाल ने बताया कि जब वे मौके पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि घायल ब्लैक कोबरा के पास एक और सांप मौजूद था, जो संभवतः उसकी ‘नागिन साथी’ थी। मलबा गिरने से नाग बुरी तरह घायल हो गया जबकि नागिन सुरक्षित बच निकली। जसवीर ने बिना डरे कोबरा को मलबे से बाहर निकाला और उसे प्राथमिक उपचार दिया।

डॉक्टरों ने किया ब्लैक कोबरा का ऑपरेशन

जब सांप की हालत बिगड़ने लगी, तो उसे वन विभाग और पशुपालन विभाग की टीम ने पशु औषधालय बिझड़ी पहुंचाया। वहां डॉ. विश्वदीप राठौर ने कोबरा का ऑपरेशन किया। डॉक्टर ने बताया कि उसके शरीर पर गहरी चोटें थीं और संक्रमण फैलने का खतरा था। उसे एंटीसेप्टिक दवाएं दी गईं और दो टांके लगाए गए

डॉ. राठौर ने कहा, “अपने लंबे सेवाकाल में यह पहला मौका था जब किसी विषैले ब्लैक कोबरा का सफल ऑपरेशन किया गया। हमने उसे दो दिन तक निगरानी में रखा और जब उसकी हालत सामान्य हुई, तो वन विभाग की टीम ने उसे जंगल में छोड़ दिया।”

वन विभाग ने बताया संवेदनशीलता का उदाहरण

हमीरपुर के डीएफओ अंकित कुमार सिंह ने कहा कि हिमाचल में यह पहला मामला है जब किसी विषैले सांप का उपचार कर उसे पुनः जंगल में छोड़ा गया। उन्होंने कहा, “यह घटना वन्यजीवों के प्रति हमारी संवेदनशीलता और मानवीयता का प्रतीक है। वन विभाग और स्नेक कैचर टीम ने जो समर्पण और सावधानी दिखाई, उस पर हमें गर्व है।”

निष्कर्ष:
हिमाचल के इस अनोखे रेस्क्यू अभियान ने साबित कर दिया कि जब इंसान डर के बजाय दया से काम ले, तो जहर से भी जीवन बचाया जा सकता है। घायल नाग का उपचार और उसका सुरक्षित पुनर्वास न केवल वन्यजीव प्रेमियों के लिए प्रेरणा है, बल्कि इंसानियत की नई परिभाषा भी।

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