Monday, November 3

SIR के विरोध में सड़कों पर उतरेंगी ममता बनर्जी, साथ होंगे अभिषेक बनर्जी; BJP भी देगी जवाबी रैली

कोलकाता: पश्चिम बंगाल की राजनीति एक बार फिर गर्माने जा रही है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अगुवाई में तृणमूल कांग्रेस (TMC) मंगलवार, 4 नवंबर को कोलकाता की सड़कों पर उतरने वाली है। पार्टी मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (Special Intensive Revision – SIR) प्रक्रिया के विरोध में एक विशाल रैली निकालेगी। दिलचस्प बात यह है कि इसी दिन राज्य में इस तीन चरणों वाली एसआईआर प्रक्रिया का पहला फेज भी शुरू होगा।

जानकारी के अनुसार, पहले चरण में बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर वोटर डिटेल्स की जांच करेंगे और एन्यूमरेशन फॉर्म भरेंगे। टीएमसी का आरोप है कि यह पूरी प्रक्रिया “राजनीतिक मंशा” से प्रेरित है और वास्तविक मतदाताओं के नाम मतदाता सूची से हटाने की साजिश का हिस्सा है।

कहां से कहां तक निकलेगी रैली

यह एंटी-SIR रैली सेंट्रल कोलकाता के रेड रोड पर डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के पास से शुरू होकर जोरासांको स्थित रवींद्रनाथ टैगोर के पैतृक घर तक जाएगी। रैली दोपहर 2:30 बजे शुरू होगी। इस रैली का नेतृत्व मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव व सांसद अभिषेक बनर्जी करेंगे।

TMC का BJP पर आरोप – “डर का माहौल बनाया जा रहा”

राज्य के एक कैबिनेट मंत्री ने बताया कि एसआईआर प्रक्रिया के बाद अब तक दो लोगों की आत्महत्या और एक आत्महत्या की कोशिश की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। मंत्री का आरोप है कि बीजेपी इस प्रक्रिया के जरिए जनता में भय पैदा कर रही है ताकि मतदाता सूची से असली वोटरों के नाम हटाए जा सकें।
उन्होंने कहा, “हमारी मांग साफ है – किसी भी वास्तविक मतदाता का नाम मतदाता सूची से नहीं हटाया जाना चाहिए।”

बीजेपी का पलटवार – “TMC फैला रही है भ्रम”

इधर, टीएमसी की रैली के जवाब में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भी उसी दिन शक्ति प्रदर्शन का ऐलान किया है। विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी उत्तर 24 परगना जिले के पानीहाटी में पार्टी की रैली का नेतृत्व करेंगे। भाजपा का कहना है कि टीएमसी जानबूझकर एसआईआर प्रक्रिया को लेकर जनता में भ्रम और डर फैला रही है, जबकि यह केवल एक नियमित वोटर सत्यापन प्रक्रिया है।

आत्महत्या मामले पर सियासी टकराव

हाल ही में पानीहाटी निवासी प्रदीप कर (57) की आत्महत्या के बाद विवाद गहराया। बताया गया कि उन्होंने एनआरसी के डर से यह कदम उठाया। हालांकि, भाजपा ने इस दावे को “राजनीतिक रूप से प्रेरित झूठ” बताया और कहा कि तृणमूल कांग्रेस इस घटना का इस्तेमाल राजनीतिक लाभ के लिए कर रही है।


निष्कर्ष:
4 नवंबर को कोलकाता की सड़कों पर बंगाल की सियासत का बड़ा संग्राम देखने को मिलेगा — एक ओर ममता बनर्जी अपने कार्यकर्ताओं के साथ “लोकतंत्र और वोटर अधिकारों” के नाम पर रैली करेंगी, वहीं दूसरी ओर सुवेंदु अधिकारी बीजेपी की “सत्य रैली” के जरिए टीएमसी पर भ्रम फैलाने का आरोप लगाएंगे।
राजनीतिक पर्यवेक्षकों के अनुसार, यह टकराव आने वाले स्थानीय निकाय और लोकसभा चुनावों के लिए माहौल तय कर सकता है।

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