Monday, November 3

तंत्र-मंत्र से एक लाख को एक करोड़ बनाने चला था लालची ‘राजकुमार’, पूजा में बैठते ही तांत्रिक ने किया सिंदूर खेला

दुर्ग। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से अंधविश्वास और लालच की एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक ड्राइवर राजकुमार जायसवाल तंत्र-मंत्र के चक्कर में फंस गया और एक लाख रुपये गंवा बैठा। ठगों ने उसे यह झांसा दिया था कि वे पूजा-पाठ के जरिए उसके रुपये 100 गुना बढ़ा सकते हैं। लेकिन जैसे ही पूजा शुरू हुई, तांत्रिक और उसके साथी सिंदूर लाने का बहाना बनाकर फरार हो गए।

धन बढ़ाने का झांसा, पूजा के नाम पर ठगी
जानकारी के अनुसार, ड्राइवर राजकुमार जायसवाल आर्थिक तंगी से गुजर रहा था। अपने दोस्त राजू के माध्यम से उसकी पहचान महाराष्ट्र के ‘छोटू’ नामक व्यक्ति से हुई, जिसने उसे मुख्य आरोपी मंदा पासवान से मिलवाया। मंदा पासवान ने राजकुमार को बताया कि तंत्र-मंत्र की विशेष पूजा से धन कई गुना बढ़ सकता है। झांसे में आकर राजकुमार ने 11 लाख रुपये को 11 करोड़ में बदलने की ‘डील’ पक्की कर ली।

एकादशी पर रखी गई थी पूजा, लिए गए एक लाख रुपये
1 नवंबर (एकादशी) के दिन पूजा का समय तय हुआ। मंदा पासवान तीन साथियों के साथ दुर्ग पहुंची और पुलगांव थाना क्षेत्र के एक मकान में पूजा-पाठ की तैयारी शुरू की। पूजा के नाम पर उसने एक लाख रुपये मांगे, जो राजकुमार ने उधार लेकर दे दिए।

‘सिंदूर लेने जाओ’ कहकर हुए फरार
पूजा के दौरान महिला ने कहा कि सिंदूर नहीं है, जाकर लेकर आओ। जैसे ही राजकुमार सिंदूर लेने निकला, तीनों आरोपी कार में बैठकर एक लाख रुपये और अन्य सामान लेकर फरार हो गए। लौटने पर जब राजकुमार ने उन्हें गायब पाया तो उसके होश उड़ गए। उसने तत्काल पुलिस को सूचना दी।

तीन आरोपी गिरफ्तार, यवतमाल डकैती कांड से भी जुड़े तार
पुलिस ने सक्रियता दिखाते हुए घेराबंदी की और शिवनाथ नदी के पास तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों में मंदा पासवान और उसके साथी शामिल हैं। जांच में सामने आया कि यह गिरोह महाराष्ट्र के यवतमाल डकैती कांड में भी शामिल था। पुलिस ने उनके पास से एक अर्टिगा कार, सात मोबाइल फोन और एक लाख रुपये नकद बरामद किए।

‘पूजा में उठे तो धन नहीं बढ़ेगा’ कहकर करते थे ठगी
पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ कि गिरोह लंबे समय से तंत्र-मंत्र के नाम पर भोले-भाले लोगों से ठगी कर रहा था। ये लोग धन वृद्धि के बहाने लोगों को पूजा में बैठाते और फिर बीच में भाग जाते थे। लालच और अंधविश्वास के चलते कई लोग इनके शिकार बन चुके हैं।

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