
सतना, 3 नवम्बर।
भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने लगभग 55 वर्ष बाद अपने बचपन के विद्यालय सरस्वती शिशु मंदिर, सतना का दौरा किया। जब वे मंच पर पहुंचे तो उनके चेहरे पर गर्व और आंखों में भावनाओं की नमी साफ झलक रही थी। चौथी कक्षा की पुरानी मार्कशीट सामने आने के बाद उन्होंने अपने बचपन के इस विद्यालय को देखने की इच्छा जताई थी, जो अब साकार हो गई।
जनरल द्विवेदी वर्ष 1971-72 में अपनी बहन के साथ सरस्वती शिशु मंदिर में कक्षा चौथी के छात्र थे। हाल ही में जब उनकी पुरानी अंकसूची इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुई, तो उन्होंने स्कूल से जुड़ी यादों को फिर से जीने का निश्चय किया।
विद्यालय समिति के अध्यक्ष मणिकांत माहेश्वरी ने बताया कि जब जनरल द्विवेदी को अपनी मार्कशीट मिली, तो उन्होंने विद्यालय को देखने की तीव्र इच्छा प्रकट की। उन्होंने इस सिलसिले में एक ब्रिगेडियर को फोन किया और विद्यालय की पूरी जानकारी प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने अंकसूची की वेरिफिकेशन के लिए स्कूल में प्रति भेजी, जिसे विद्यालय के पुराने अभिलेखों में सही पाया गया।
शनिवार को सतना पहुंचकर जनरल द्विवेदी ने विद्यालय का दौरा किया। उन्होंने शिक्षकों और छात्रों से भेंट की तथा अपने विद्यार्थी जीवन की स्मृतियों को साझा किया। स्कूल प्रबंधन और विद्यार्थियों ने फूल-मालाओं और देशभक्ति नारों के साथ उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।
जनरल द्विवेदी ने कहा, “इस स्कूल ने मुझे अनुशासन और संस्कार की जो शिक्षा दी, वही आज भी मेरे जीवन की नींव है। 55 साल बाद यहां लौटकर ऐसा लग रहा है जैसे मैं फिर से अपने बचपन में लौट आया हूं।”
उनकी यह भावनात्मक यात्रा न केवल सतना जिले के लिए गर्व का विषय बनी, बल्कि यह संदेश भी दे गई कि जीवन में चाहे व्यक्ति कितना भी ऊँचा पद क्यों न प्राप्त करे, उसकी जड़ें हमेशा अपने विद्यालय और संस्कारों से जुड़ी रहती हैं।