
रायपुर: लंबे समय से सुरक्षा बलों के लिए सिरदर्द बने नक्सली कमांडर मादवी हिडमा का एनकाउंटर आंध्र प्रदेश में किया गया। एनकाउंटर के बाद सामने आया कि हिडमा तेलंगाना में आत्मसमर्पण करने की योजना बना रहा था, लेकिन उसके साथी इस कदम का विरोध कर रहे थे।
हिडमा ने पत्रकार को लिखा पत्र
सूत्रों के अनुसार हिडमा ने एक बस्तर-आधारित पत्रकार को 10 नवंबर को टाइप किया हुआ पत्र लिखा था। इस पत्र में उसने सरकार से बातचीत करने और आत्मसमर्पण के लिए सुरक्षित स्थान तय करने की मदद मांगी थी। हिडमा ने लिखा था कि पूरी पार्टी अभी तैयार नहीं है और सुरक्षा गारंटी मिलने पर ही वे मिल सकते हैं।
पत्र में हिडमा ने यह भी कहा कि 4-5 दिनों के भीतर हिंदी और तेलुगु में ऑडियो बयान जारी करेगा, जिससे सरकार और जनता के साथ संवाद स्थापित किया जा सके।
आंध्र प्रदेश की ओर भागने का फैसला
सूत्रों के अनुसार, 16 नवंबर को सुकमा में हुई मुठभेड़ के बाद हिडमा ने आंध्र प्रदेश भागने का फैसला किया। सुरक्षा बलों ने मारुडुमिल्ली जंगलों में उसकी घेराबंदी कर एनकाउंटर में उसे ढेर किया।
आत्मसमर्पण की कोशिश पर बाधा
हिडमा के साथियों ने आत्मसमर्पण की योजना का विरोध किया और सुरक्षा जोखिमों के कारण वह इसे अमल में नहीं ला सका। तेलंगाना पुलिस ने पुष्टि की कि हिडमा ने आत्मसमर्पण के संकेत दिए थे, लेकिन परिस्थितियों ने उसकी योजना को बदल दिया।
नक्सलवाद के खिलाफ महत्वपूर्ण मोड़
हिडमा की मौत को सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ी सफलता माना जा रहा है। लंबे समय से नक्सली कमांडर के रूप में सक्रिय रहने वाले हिडमा का एनकाउंटर नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है।