
पलवल: पलवल जिले के दो युवकों आकाश (भैडौली) और अरविंद (सहनौली) को विदेश में लाखों रुपये की नौकरी का लालच देकर म्यांमार ले जाकर चार महीने तक बंधक बनाया गया। इस दौरान उन्हें साइबर ठगी के लिए मजबूर किया गया। थाईलैंड पुलिस ने छापा मारकर सभी को गिरफ्तार किया और फिर उन्हें दिल्ली भेज दिया।
नौकरी का झांसा और बंधक बनाना
युवकों ने बताया कि जून में उन्होंने सोशल मीडिया पर एक नौकरी का विज्ञापन देखा। इस पर संपर्क करने पर जम्मू-कश्मीर निवासी रफाक उर्फ राही ने खुद को म्यांमार की कंपनी का एचआर बताया। उन्होंने 80 हजार रुपये प्रति माह की नौकरी का लालच दिया। यांगून इंटरनैशनल एयरपोर्ट पहुंचने के बाद युवकों को टैक्सी से एक होटल और फिर नाव से केके पार्क ले जाकर बंधक बना दिया गया।
साइबर ठगी की ट्रेनिंग
युवकों को चीनी नियंत्रण वाली कंपनी में भेजा गया, जहां सभी कर्मचारी भारतीय थे। उन्हें साइबर ठगी के लिए प्रशिक्षण दिया गया। युवकों को फेसबुक पर लड़कियों के नाम से आईडी बनाकर अमेरिका में रहने वाले भारतीयों को निशाना बनाने के लिए कहा गया। यदि कोई अमीर व्यक्ति फंसता, तो उसका नंबर चीनी हैंडलर को दिया जाता। किसी भी जानकारी को सार्वजनिक करने पर जान से मारने की धमकी दी जाती थी।
पुलिस के छापे से मिली आज़ादी
कुछ दिन पहले थाईलैंड पुलिस ने कंपनी पर छापा मारा और सभी को पकड़ लिया। आकाश और अरविंद के साथ कई अन्य भारतीय भी शामिल थे। 10 नवंबर को थाईलैंड पुलिस ने उन्हें दिल्ली डिपोर्ट किया। साइबर क्राइम थाना प्रभारी इंस्पेक्टर नवीन कुमार ने पुष्टि की कि युवकों ने लौटकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।