Wednesday, November 19

इंदिरा गांधी की 108वीं जयंती पर राष्ट्र का नमन पीएम मोदी, सोनिया–राहुल ने शक्ति स्थल पर अर्पित की श्रद्धांजलि स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश निर्माण तक, जानें पूर्व PM इंदिरा गांधी का पूरा जीवन–संघर्ष

नई दिल्ली।
देश की पहली महिला प्रधानमंत्री और भारत रत्न से सम्मानित इंदिरा गांधी की 108वीं जयंती पर आज पूरा राष्ट्र उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री को याद करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा— “पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि।”

कांग्रेस नेताओं ने भी दिल्ली स्थित शक्ति स्थल पर पहुंचकर इंदिरा गांधी को नमन किया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सीपीपी चीफ सोनिया गांधी और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उनकी समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके योगदान को याद किया।

स्वतंत्रता संग्राम में भी थे इंदिरा गांधी के कदम

19 नवंबर 1917 को जन्मीं इंदिरा प्रियदर्शिनी नेहरू बचपन से ही स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी रहीं। उन्होंने ‘बाल चरखा संघ’ की स्थापना की और असहयोग आंदोलन के दौरान बच्चों की ‘वानर सेना’ बनाकर कांग्रेस का सहयोग किया।
1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान उन्हें जेल भी जाना पड़ा। 1947 में महात्मा गांधी के मार्गदर्शन में उन्होंने दिल्ली के दंगा प्रभावित क्षेत्रों में राहत कार्यों का नेतृत्व किया।

कांग्रेस संगठन की प्रमुख भूमिका

राजनीतिक रूप से सक्रिय इंदिरा गांधी 1955 में कांग्रेस कार्य समिति और केंद्रीय चुनाव समिति की सदस्य बनीं।
1959 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं। बाद में 1978 में दोबारा इस पद की जिम्मेदारी संभाली।
वे युवा कांग्रेस और कांग्रेस के महिला विभाग सहित कई महत्वपूर्ण संगठनों की प्रमुख रहीं।

देश की पहली महिला प्रधानमंत्री — दो बार सौंपी गई जिम्मेदारी

इंदिरा गांधी ने 1964 में सूचना एवं प्रसारण मंत्री के रूप में मंत्रिमंडल में प्रवेश किया।
जनवरी 1966 में वे भारत की प्रधानमंत्री बनीं और 1977 तक पद पर रहीं। 1980 में वे दोबारा प्रधानमंत्री बनीं और 31 अक्टूबर 1984 को उनकी हत्या तक देश की बागडोर संभालती रहीं।

उन्होंने अपने कार्यकाल में कई प्रमुख मंत्रालयों का भी प्रभार रखा, जिनमें विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष विभाग शामिल थे।
1980 में वे योजना आयोग की अध्यक्ष बनीं।

लोकसभा में मजबूत उपस्थिति—दो राज्यों से जीतीं चुनाव

1964–67 तक राज्यसभा सदस्य रहने के बाद इंदिरा गांधी चौथे, पांचवें और छठे आम चुनावों में लोकसभा सदस्य चुनी गईं।
1980 में उन्होंने रायबरेली (उत्तर प्रदेश) और मेडक (आंध्र प्रदेश) दोनों सीटों से जीत हासिल की, हालांकि बाद में उन्होंने मेडक सीट बरकरार रखी।
वे लंबे समय तक कांग्रेस संसदीय दल की नेता भी रहीं।
इंदिरा गांधी का राजनीतिक जीवन साहस, दृढ़ निश्चय और निर्णायक नेतृत्व का प्रतीक रहा है। उनकी जयंती पर पूरा देश उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करता है और उनके योगदान को कृतज्ञता से याद करता है।

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