
लाल किला ब्लास्ट आरोपी डॉ. उमर नबी के फोन से मिला ‘शहादत ऑपरेशन’ वीडियो, चार चौंकाने वाले क्लिप एनआईए के कब्जे में
नई दिल्ली: दिल्ली के लाल किले के पास हुए ब्लास्ट ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस बीच मुख्य आरोपी डॉ. उमर नबी की एक सनसनीखेज वीडियो सामने आई है, जिसने जांच एजेंसियों को भी हिलाकर रख दिया। यह वीडियो खुद उमर के मोबाइल फोन से मिला है, जिसे उसके छोटे भाई ने पुलिस के हवाले किया था। इसी एक गलती ने उमर की पूरी आतंकी साजिश का पर्दाफाश कर दिया।
सबूत मिटाने के लिए फोन नाले में फेंकवाया, लेकिन मिला वीडियो-भंडार
पुलिस सूत्रों के अनुसार, उमर ने पकड़े जाने से पहले अपना मोबाइल फोन छोटे भाई को देकर उसे नाले में फेंक आने के लिए कहा था। छोटे भाई ने वही किया, लेकिन पुलवामा में गिरफ्तारी के बाद उसने पुलिस को पूरी बात बता दी।
कई घंटों की तलाशी के बाद पुलिस ने फोन बरामद कर लिया। फोन से चार वीडियो मिले, जिनमें से एक सार्वजनिक हो चुका है। इन्हें एनआईए और राज्य जांच एजेंसी ने कब्जे में लेकर जांच तेज कर दी है।
इन वीडियो में उमर खुद को ‘शहादत ऑपरेशन’ का हिस्सा बताते हुए नज़र आ रहा है। यह पहली बार है जब आरोपी की मंशा और कट्टरपंथी गतिविधियों का इतना स्पष्ट प्रमाण मिला है।
कट्टर मॉड्यूल का हिस्सा था उमर, तीन डॉक्टर भी थे शामिल
जांच एजेंसियों के अनुसार, उमर नबी जैश के एक सक्रिय मॉड्यूल का हिस्सा था और उसे इस ग्रुप का सबसे कट्टर सदस्य माना जा रहा है। मॉड्यूल में उसके साथ तीन और डॉक्टर शामिल थे—
- डॉ. मुजम्मिल अहमद गनई
- डॉ. अदील मजीद राथर
- डॉ. शाहीन शाहिद अंसारी
इन तीनों ने पूछताछ में बताया है कि हमले की कोई निश्चित तारीख या जगह तय नहीं की गई थी। आरोपियों के पकड़े जाने के बाद उमर घबराकर फरार हो गया और जल्दबाज़ी में यह हमला कर बैठा।
दिल्ली ब्लास्ट में 13 की मौत—टेक्निकल सपोर्ट देने वाला साथी भी गिरफ्तार
इस हमले में 13 लोगों की मौत हुई थी। मामले में उमर के साथी जसीर बिलाल वानी उर्फ़ दानिश को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। इससे पहले एनआईए ने उसके एक और करीबी सहयोगी को गिरफ्तार किया था, जिस पर ब्लास्ट में शामिल आतंकियों को तकनीकी सहायता देने का आरोप है।
जांच से पता चला है कि वानी कथित तौर पर—
- ड्रोन मॉडिफाई करने,
- रॉकेट बनाने की कोशिश,
- और हमले में इस्तेमाल तकनीकी सिस्टम तैयार करने
जैसी गतिविधियों में शामिल था।
एजेंसियों का मानना है कि यह मॉड्यूल कई बड़े हमलों की श्रृंखला को अंजाम देने की तैयारी में था।