Tuesday, November 18

बांग्लादेशी कप्तान का विवादित बयान! खुद पर लगे आरोपों में भारतीय कप्तान हरमनप्रीत को घसीटा, क्रिकेट जगत में मचा हंगामा

ढाका। जूनियर खिलाड़ियों के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार के आरोपों में घिरी बांग्लादेश महिला क्रिकेट टीम की कप्तान निगार सुल्ताना जोटी ने एक ऐसा बयान दे दिया है, जिसने क्रिकेट जगत में नई बहस छेड़ दी है। आरोपों से बचने के लिए सफाई देते हुए निगार ने बेहूदे उदाहरण के साथ भारतीय महिला टीम की कप्तान हरमनप्रीत कौर को बीच में घसीट लिया, जबकि हरमन का इस विवाद से दूर-दूर तक कोई संबंध नहीं है।

क्या है पूरा मामला?

पूर्व तेज गेंदबाज जहांआरा आलम ने निगार सुल्ताना पर गंभीर आरोप लगाए हैं कि वह बांग्लादेश टीम की जूनियर खिलाड़ियों के साथ मारपीट करती हैं, गालियां देती हैं और उन्हें डराकर रखती हैं। इन आरोपों को लेकर पहले ही बवाल मचा हुआ था कि इसी बीच निगार का बयान आग में घी का काम कर गया।

“क्या मैं हरमनप्रीत हूं?”—निगार का विवादित बयान

डेली क्रिकेट को दिए इंटरव्यू में निगार सुल्ताना ने कहा—
“मैं क्यों किसी को मारूंगी? मैं क्यों अपने बैट से स्टंप्स को मारूंगी? क्या मैं हरमनप्रीत हूं कि मैं ऐसा करूं?”

उनका यह बयान तुरंत वायरल हो गया और भारतीय क्रिकेट फैंस भड़क उठे, क्योंकि हरमनप्रीत का इस विवाद से कोई लेना-देना नहीं था।

2023 का पुराना विवाद फिर उछाला

निगार ने साल 2023 में भारत-बांग्लादेश सीरीज के दौरान हुई एक घटना का हवाला दिया। तब हरमनप्रीत एक एलबीडब्ल्यू फैसले से नाराज़ होकर स्टंप्स पर बल्ला मारने और अंपायरों पर टिप्पणी करने के कारण चर्चा में आई थीं।
निगार ने इसी घटना को उदाहरण बनाते हुए हरमन का नाम घसीटा, जिससे नया विवाद पैदा हो गया।

जहांआरा आलम का दावा—”जोटी दीदी हमें पीटती हैं”

जहांआरा आलम ने एक इंटरव्यू में दावा किया था कि—

  • निगार जूनियर खिलाड़ियों पर हाथ उठाती हैं
  • उन्हें धमकाती हैं
  • खिलाड़ियों ने विदेश में बैठी जहांआरा को फोन कर मदद मांगी

निगार ने यह कहते हुए आरोपों को ख़ारिज किया कि,
“यदि मैंने किसी को पीटा होता, तो टीम मैनेजमेंट, कोचिंग स्टाफ या अधिकारी चुप क्यों रहते? कोई ऑस्ट्रेलिया में बैठे खिलाड़ी को क्यों कॉल करेगा?”

क्रिकेट जगत में बढ़ा तनाव

निगार द्वारा भारतीय कप्तान हरमनप्रीत का नाम लेने के बाद बांग्लादेश और भारत के महिला क्रिकेट माहौल में हलचल गहरा गई है।
विशेषज्ञों का कहना है कि निगार को अपने बचाव में किसी दूसरे देश की कप्तान का नाम घसीटना नहीं चाहिए था। यह कदम उनकी मुश्किलें और बढ़ा सकता है।

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