
जामताड़ा।
झारखंड के जामताड़ा जिले के पहरूडीह गांव में आजादी के 78 वर्ष बाद आखिरकार पक्की सड़क का सपना पूरा होने जा रहा है। सालों से विकास की मुख्य धारा से कटे इस आदिवासी बहुल गांव में सड़क न होने के कारण ग्रामीणों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता था। अंततः ग्रामीणों ने एकजुट होकर सड़क निर्माण के लिए अपनी निजी जमीन सरकार को दान में दे दी, जिसके बाद मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क बनाने को मंजूरी मिली।
60 आदिवासी परिवारों का वर्षों पुराना संघर्ष
पहरूडीह गांव में लगभग 450 की आबादी वाले 60 आदिवासी परिवार रहते हैं। गांव में सड़क नहीं होने के कारण चारपहिया वाहन कभी प्रवेश नहीं कर पाता था।
बीमार होने पर मरीजों को खटिया या हाथगाड़ी पर उठाकर मुख्य सड़क तक ले जाया जाता था। बरसात में यह स्थिति और भी भयावह हो जाती थी।
ग्रामीणों की झुंझलाहट और वर्षों की मांग आखिरकार तब रंग लाई जब सभी ने सर्वसम्मति से सड़क के लिए जमीन सरकार को सौंप दी।
2.1 किमी सड़क का शिलान्यास, गांव में जश्न जैसा माहौल
रविवार को स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी ने पहरूडीह से रघुनाथपुर तक 2.1 किलोमीटर लंबी सड़क का शिलान्यास किया।
शिलान्यास के बाद ग्रामीणों के चेहरों पर सालों इंतजार की खुशी साफ झलक रही थी। यह सड़क नारायणपुर और करमाकर प्रखंड की सीमा क्षेत्र से होकर गुजरेगी।
स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच अब आसान होगी
गांव से नजदीकी पबैया उप-स्वास्थ्य केंद्र 6 किमी और जामताड़ा सदर अस्पताल 7 किमी दूर है। एंबुलेंस गांव तक पहुंच ही नहीं पाती थी।
समय पर इलाज न मिल पाने से कई लोगों की जान चली गई। सड़क बनने से अब एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध होने की उम्मीद है।
गांव में अन्य सुविधाओं का भी अभाव
पानी टंकी, योजनाओं की जानकारी और सरकारी अभियानों की पहुंच भी गांव तक बहुत कम है। ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से प्रखंड और जिला स्तर से उनके गांव में कोई विशेष पहल नहीं हुई।
ग्रामीणों ने जताई खुशी
- रासमुनि किस्कू ने कहा, “आजादी से अब तक सड़क नहीं थी। जमीन दान के बाद आखिरकार सड़क बन रही है, बहुत खुशी है।”
- अनीती मुर्मू बोलीं, “मरीजों को खटिया पर उठाकर ले जाना पड़ता था। अब सड़क बनने से एंबुलेंस आ सकेगी।”
- रतन मरांडी ने कहा, “78 साल बाद हमें सड़क मिल रही है, वह भी अपनी जमीन देने के बाद। अब सुधार की उम्मीद है।”
जनप्रतिनिधि बोले—अब विकास रुकेगा नहीं
जिला पंचायत सदस्य दीपिका बेसरा ने कहा कि बरसात में गांव की स्थिति बेहद खराब हो जाती थी। ग्रामीणों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रयास से सड़क निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। अब यहां के विकास में कोई बाधा नहीं आएगी।