
बारां, राजस्थान। अंता विधानसभा सीट के उपचुनाव में कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया ने एक बार फिर जीत दर्ज की, लेकिन इस चुनाव में एक गांव ने सबका ध्यान खींचा। सांकली गांव में कुल 763 मतदाता होने के बावजूद पूरे दिन सिर्फ एक व्यक्ति ने वोट डाला।
क्या है वजह:
ग्रामीणों का आरोप है कि सड़कें हर मानसून में पानी में डूब जाती हैं, और कई सप्ताह तक गांव बाहरी दुनिया से कट जाता है। लंबे समय तक प्रशासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिए जाने के कारण, गांववासियों ने चुनाव बहिष्कार का रास्ता अपनाया।
प्रभाव और चर्चा:
- सांकली गांव में अधिकांश मतदाता एससी और एसटी समुदाय के हैं।
- पूरे विधानसभा क्षेत्र में एक वोट का भी अंतर परिणाम पर बड़ा असर डाल सकता था।
- मतदान केंद्र दिनभर खाली रहा, और चुनाव अधिकारी मतदाताओं का इंतजार करते रहे।
राजनीतिक परिप्रेक्ष्य:
अंता सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला था।
- कांग्रेस: प्रमोद जैन भाया
- बीजेपी: मोरपाल सुमन
- निर्दलीय: नरेश मीणा
गांव सांकली की यह घटना इस बात की याद दिलाती है कि लोकतंत्र में नागरिक की भागीदारी और प्रशासन की जिम्मेदारी दोनों ही महत्वपूर्ण हैं।