
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के रुझान आने लगे हैं और बीजेपी बड़ी पार्टी बनने की ओर बढ़ती दिख रही है। इस रेस में उसका मुख्य मुकाबला अपने सहयोगी जेडीयू से है, जो दूसरे नंबर पर है। आरजेडी तीसरे स्थान पर नजर आ रही है।
रुझानों के अनुसार, बीजेपी 65 सीटों पर आगे है, जबकि जेडीयू 60 सीटों पर। एनडीए के लिए स्थिति अच्छी दिख रही है और यदि ये रुझान अंतिम नतीजों में बदलते हैं तो एनडीए करीब 150 सीटों तक पहुंच सकता है।
सिंगल लार्जेस्ट पार्टी की चुनौती
- बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनने की राह पर है, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह अपनी पहली बार बिहार में मुख्यमंत्री बना पाएगी।
- राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि नीतीश कुमार के सहयोगी बने रहना बीजेपी के लिए रणनीतिक रूप से सुरक्षित विकल्प हो सकता है।
चुप्पी के बावजूद रणनीति काम आई
- चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने मुख्यमंत्री के मुद्दे पर स्पष्ट स्टैंड नहीं लिया।
- गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि मुख्यमंत्री का चुनाव विधायक दल तय करेगा।
- महागठबंधन ने तेजस्वी यादव को अपना मुख्यमंत्री चेहरा घोषित किया, जिससे एनडीए पर दबाव बढ़ा।
- बीजेपी ने जनता के मूड को भांपते हुए नीतीश कुमार के नेतृत्व को स्वीकार किया और टीवी डिबेट में भी बीजेपी प्रवक्ताओं ने उनका समर्थन किया।
नीतीश कुमार का महत्व
- यदि जेडीयू अपनी सीट महागठबंधन से न गंवाए, तो नीतीश कुमार की मुख्यमंत्री कुर्सी बनी रहेगी।
- बीजेपी के लिए नीतीश कुमार और जेडीयू को साथ रखना जरूरी है, क्योंकि केंद्र में मोदी सरकार भी इस गठबंधन से जुड़ी हुई है।
- किसी भी बदलाव की स्थिति में, बिहार में सत्ता का समीकरण और केंद्र में राजनीतिक स्थिरता दोनों प्रभावित हो सकते हैं।
निष्कर्ष
रुझानों के अनुसार, बीजेपी बड़ी पार्टी बनने की ओर है, लेकिन राज्य में मुख्यमंत्री का निर्णय नीतीश कुमार और जेडीयू के गठबंधन के हाथ में रह सकता है। यह चुनाव न केवल बिहार, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति पर भी असर डालने वाला है।