
मथुरा (NBT NEWS DESK)। बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की ‘सनातन हिंदू एकता पदयात्रा’ मथुरा पहुंच गई है। दिल्ली से वृंदावन तक चल रही इस पदयात्रा का स्थानीय और क्षेत्रीय लोगों से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। इस महायात्रा में राजस्थान की प्रसिद्ध कथावाचक साध्वी प्रेम बाईसा भी शामिल हुईं, जिससे इसकी भव्यता और आकर्षण और बढ़ गया।
साध्वी प्रेम बाईसा: धर्म और भक्ति का प्रतीक
साध्वी प्रेम बाईसा राजस्थान के बाड़मेर जिले के परैऊ गांव की मूल निवासी हैं। उनका परिवार जाट (साईं) जाति से आता है। उनके पिता महंत विरमनाथ ने गृहस्थ जीवन छोड़कर संन्यास धारण किया। साध्वी प्रेम बाईसा ने कम उम्र में ही धार्मिक दीक्षा ग्रहण की और कथा वाचन व भजन गायन के क्षेत्र में अपनी पहचान बनाई। जोधपुर में उनका साधना कुटी आश्रम भी है। वे धर्म, भक्ति और समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।
पदयात्रा में बाईसा की भागीदारी
यह पदयात्रा 7 नवंबर को दिल्ली के छतरपुर मंदिर से शुरू हुई थी और 16 नवंबर को वृंदावन में समाप्त होगी। मथुरा जिले की सीमा में प्रवेश के बाद हजारों श्रद्धालु पदयात्रा में शामिल हुए। साध्वी प्रेम बाईसा की उपस्थिति ने सनातन धर्म के अनुयायियों में एकता और जागरूकता का संदेश दिया।
धीरेंद्र शास्त्री ने पदयात्रा के दौरान सनातन धर्म का पालन, छुआछूत और भेदभाव से मुक्त समाज बनाने तथा भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने का संकल्प लिया। साध्वी प्रेम बाईसा जैसे प्रतिष्ठित धार्मिक व्यक्तित्व की मौजूदगी ने इस संकल्प को और मजबूत किया और इस महायज्ञ को भव्यता प्रदान की।