
खरगोन में भारतीय कपास निगम (CCI) द्वारा प्रति एकड़ कपास खरीदी की सीमा में अचानक कटौती किए जाने से किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। सोमवार को कपास उत्पादक किसान सड़कों पर उतर आए और उन्होंने जिले के दो राष्ट्रीय राजमार्गों पर चक्काजाम कर दिया। इससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह बाधित हो गई।
सुबह 11 बजे से शुरू हुआ प्रदर्शन
प्रदर्शन की शुरुआत कृषि उपज मंडी परिसर से हुई। खरीदी के दौरान सीसीआई अधिकारियों ने प्रति एकड़ खरीदी सीमा 12 क्विंटल से घटाकर 5.7 क्विंटल कर दी। इस निर्णय से नाराज किसानों ने मंडी के प्रवेश द्वार पर अपने वाहन खड़े कर रास्ता बंद कर दिया, जिससे खरीदी प्रक्रिया पूरी तरह ठप हो गई।
किसानों ने जताया रोष
किसान प्रतिनिधि दिनेश यादव ने आरोप लगाया कि सीसीआई लगातार नियमों में बदलाव कर रही है, जिससे उन्हें मजबूरन अपनी उपज खुले बाजार में कम दामों पर बेचनी पड़ रही है। किसानों ने स्लॉट बुकिंग में तकनीकी खामियों और लौटाई गई कपास को लेकर भी गहरी नाराजगी जताई।
अधिकारियों की चर्चा बेअसर
मंडी में पहुंचे अपर कलेक्टर रेखा राठौर, उप संचालक कृषि एसएस राजपूत और सीसीआई अधिकारी गणेश धसकट ने किसानों से वार्ता की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। इससे किसानों का आक्रोश और बढ़ गया।
सड़क पर धरना, यातायात बाधित
खरीदी न होने पर किसान शाम को बावड़ी बस स्टैंड पर पहुंचे और मुख्य मार्ग पर धरना देकर नारेबाजी की। करीब सात घंटे तक चले चक्काजाम के कारण इच्छापुर–भुसावल और खंडवा–वडोदरा राष्ट्रीय राजमार्गों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गईं। यात्रियों और मालवाहक वाहनों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
खरीदी में परेशानी और स्थगन
कृषि उपज मंडी समिति की सचिव शर्मिला निनामा ने बताया कि जिले में उत्पादकता के आधार पर 5.7 क्विंटल प्रति एकड़ खरीदी तय की गई है, जबकि किसान 12 क्विंटल प्रति एकड़ के अनुसार खरीदी की मांग कर रहे थे। उन्होंने बताया कि स्लॉट बुकिंग से अधिक कपास मंडी लाए जाने से जिनिंग फैक्ट्रियों में स्टॉक बढ़ गया और प्रोसेसिंग में दिक्कत आ रही है।
किसानों की मांग पर सोमवार रात लाई गई कपास की खरीदी कर ली गई है। इसके साथ ही 30 दिसंबर से आगामी सूचना तक जिले की मंडियों में CCI की खरीदी स्थगित रहेगी। भीकनगांव और बड़वाह में भी किसानों ने सड़क जाम कर विरोध दर्ज कराया।