
वॉशिंगटन/नई दिल्ली: अमेरिका में ग्रीन कार्ड धारकों के लिए नए सख्त यात्रा और इमिग्रेशन नियम 26 दिसंबर 2025 से लागू हो गए हैं। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन द्वारा तैयार ये नियम न सिर्फ नए आवेदकों पर, बल्कि पहले से ग्रीन कार्ड रखने वाले गैर-अमेरिकी नागरिकों पर भी लागू होंगे। भारतीय ग्रीन कार्डधारकों के लिए इन बदलावों को समझना विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि अमेरिका में बड़ी संख्या में भारतीय रहते हैं।
नए नियमों के मुख्य बदलाव:
अमेरिकी सीमा अधिकारियों को अब हर गैर-अमेरिकी नागरिक की अंतरराष्ट्रीय यात्रा पर कड़ी निगरानी का अधिकार है।
बायोमेट्रिक पहचान प्रणाली पूरी तरह लागू होगी। इसमें फोटो, फिंगरप्रिंट और आइरिस स्कैन शामिल हैं।
19 देशों के ग्रीन कार्डधारकों पर अतिरिक्त समीक्षा की जाएगी, जिनमें भारत के पड़ोसी म्यांमार और अफगानिस्तान शामिल हैं।
एयरपोर्ट से लेकर जमीनी सीमाओं और बंदरगाहों तक हर प्रवेश और निकासी पर बायोमेट्रिक जांच अनिवार्य होगी।
ग्रीन कार्डधारकों के लिए असर:
अमेरिका में हर यात्रा पर फोटो और फिंगरप्रिंट या आइरिस स्कैन लिया जा सकता है।
बॉर्डर पर पूछताछ में अधिक समय लग सकता है। अधिकारियों द्वारा यात्रा इतिहास, निवास और दस्तावेजों के बारे में सख्त सवाल किए जा सकते हैं।
एक्सपर्ट्स की सलाह है कि ग्रीन कार्डधारक अपने दस्तावेज अपडेट रखें और यात्रा संबंधी सभी जानकारी तैयार रखें ताकि सीमापार अधिकारी तुरंत सभी जानकारी मांगने पर उपलब्ध हो।
विशेषज्ञों का कहना है कि ये बदलाव नेशनल सिक्योरिटी और आधुनिक तकनीक के जरिए सीमा प्रबंधन को मजबूत करने के लिए किए गए हैं। भारतीय ग्रीन कार्डधारकों के लिए यह जरूरी है कि वे अपनी यात्राओं की योजना पहले से सावधानीपूर्वक बनाएं और सभी दस्तावेज तैयार रखें।