
इस्लामाबाद: संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नहयान के पाकिस्तान दौरे से पहले बड़े-बड़े दावे किए जा रहे थे, लेकिन यह यात्रा पाकिस्तान के लिए ठंडा पानी साबित हुई। शेख मोहम्मद बिन जायद रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से केवल चार-पांच मिनट की शिष्टाचार बैठक के लिए मिले। इस दौरान सिर्फ हालचाल जानने और फोटो खिंचाने तक ही सीमित बातचीत हुई। कोई औपचारिक समझौता, मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग (एमओयू) या द्विपक्षीय डील नहीं हुई।
CNN-News18 के सीनियर डिप्लोमैटिक सूत्रों के मुताबिक, यह दौरा पूरी तरह से निजी था। शेख मोहम्मद ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी से मुलाकात नहीं की और प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के साथ भी केवल शिष्टाचार बैठक तक ही सीमित रहे। पाकिस्तान की सरकार के प्रयासों और उत्साह के बावजूद, यूएई राष्ट्रपति ने उन्हें ज्यादा महत्व नहीं दिया।
रावलपिंडी के बाद शेख मोहम्मद बिन जायद रहीम यार खान गए, जहां उन्होंने अपने निजी कार्यक्रमों में शिकार और पारिवारिक आयोजनों में हिस्सा लिया। पाकिस्तान की मीडिया में इस दौरे को लेकर सरकार की आलोचना हो रही है। सवाल उठाए जा रहे हैं कि इतने हौवे और प्रचार के बावजूद शेख मोहम्मद ने सरकार को अनदेखा क्यों किया और इस घटना ने पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय कूटनीति की हैसियत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह दौरा पाकिस्तान के लिए केवल प्रतीकात्मक ही साबित हुआ और कोई ठोस राजनीतिक या आर्थिक लाभ नहीं दिला सका।